तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन 73 साल की उम्र में हो गया। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन से परिजनों और उनके फैंस को गहरा सदमा लगा है।
जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी से पीड़ित थे। वो पिछले कई दिनों से अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के आईसीयू में एडमिट थे।
जाकिर हुसैन को अपनी पीढ़ी का महान तबला वादक कहा जाता है, उनके परिवार में उनकी पत्नी और उनकी बेटियां हैं।
महान तबला वादक जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में हुआ था, वो प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के बेटे हैं।
जाकिर हुसैन ने अपने करियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में की। उन्होंने अपने करियर में रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा समेत भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ काम किया।
जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था। जिसके बाद उन्होंने साल 1973 में अपने पहले एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था।
जाकिर हुसैन को अपने करियर की शुरुआत ग्रैमी पुरस्कार मिले हैं। भारत में उन्हें प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक, तालवादक को 1988 में पद्मश्री, साल 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण मिला।
जाकिर हुसैन की निधन की खबर जैसे ही सामने आई, उनके फैंस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सोशल मीडिया पर उनके फैंस दुख व्यक्त कर रहें हैं।
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