डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में रहने वाले भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में लागू किए गए 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) के नए H-1B वीजा शुल्क से कई श्रेणियों के लोगों को छूट देने की घोषणा की है।
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि यह भारी-भरकम फीस केवल नए विदेशी आवेदकों पर लागू होगी। जो लोग पहले से अमेरिका में वैध वीजा पर रह रहे हैं - जैसे कि F-1 स्टूडेंट वीजा धारक, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफरी और मौजूदा H-1B वीजा धारक - उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा। ऐसे आवेदक जो अपने वीजा का नवीनीकरण या विस्तार करा रहे हैं, वे भी छूट के पात्र होंगे।
USCIS के अनुसार, 21 सितंबर 2025 से पहले जमा किए गए किसी भी आवेदन पर यह नई फीस लागू नहीं होगी। इसके अलावा, मौजूदा H-1B वीजा धारक बिना किसी अतिरिक्त शर्त के अमेरिका के भीतर और बाहर यात्रा कर सकते हैं। वहीं, जो अंतरराष्ट्रीय छात्र F-1 वीजा से H-1B वीजा में बदलाव कर रहे हैं, उन्हें भी राहत मिलेगी।
इस फैसले से भारतीय पेशेवरों की चिंताएं काफी हद तक कम हो गई हैं। H-1B वीजा प्रोग्राम में लगभग 70% हिस्सेदारी भारतीयों की है, जो अमेरिकी टेक और सर्विस सेक्टर में काम कर रहे हैं। फिलहाल करीब 3 लाख भारतीय इस वीजा पर अमेरिका में कार्यरत हैं। नई गाइडलाइंस से उनके करियर और भविष्य को नई स्थिरता और सुरक्षा मिलने की उम्मीद है।