
एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए आज बड़ा दिन है। सोमवार को स्पेशल ट्रिब्यूनल मानवता के खिलाफ अपराधों पर फैसला सुनाएगा। ऐसी पूरी संभावना है कि यह फैसला उनके खिलाफ ही होगा। ऐसे में राजधानी ढाका समेत पूरे देश में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं। हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के आदेश हैं।
2024 में बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे। इसको दबाने के लिए शेख हसीना ने सरकारी एजेंसियों का सहारा लिया, जिसमें कई लोग मारे गए थे। उसके बाद पूरे देश में हिंसक आंदोलन की ऐसी आग उठी कि शेख हसीना को जान बचाकर भारत में शरण लेनी पड़ी।
शेख हसीना के बाद नया निजाम आया, जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस बने। वह इस समय बांग्लादेश के कार्यकारी प्रधानमंत्री हैं। उनकी सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ सरकारी एजेंसियों को आंदोलन को दबाने के लिए हिंसक तरीके अपनाने का आदेश देने का आरोप गया है। इसी मामले में आज फैसला आना है।
बांग्लादेश के कार्यकारी गृहमंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने सुरक्षा बलों और अन्य एजेंसियों को सतर्क रहने को कहा है। उनका दावा है कि किसी भी हिंसक प्रदर्शन से निपटने के लिए एजेंसियां सक्षम हैं।
शेख हसीना पर लगे आरोपों पर फैसला आने से पहले राजधानी ढाका दहल गई है। कई जगह बम ब्लास्ट हुए हैं। इस दौरान हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं, जिन पर काबू पाने के लिए गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। ढाका में हुए बम ब्लास्ट में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।