Bangladesh Hindu Woman Rape: रेप विक्टिम हिंदू महिला की चीखें सुन लोगों का खून खौला, बांग्लादेश में प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदू महिला से बलात्कार और वीडियो वायरल की घटना ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्य आरोपी बीएनपी नेता है। भारत ने चिंता जताई है। देशभर में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। महिला संगठनों ने ढाका में विशाल मार्च निकाला है।
Publish Date: Mon, 30 Jun 2025 02:46:28 PM (IST)
Updated Date: Mon, 30 Jun 2025 02:46:28 PM (IST)
ढाका में महिला संगठनों ने निकाला मार्च। (फाइल फोटो)HighLights
- कुमिल्ला में हिंदू महिला से गैंगरेप का वीडियो वायरल।
- मुख्य आरोपी फजर अली बीएनपी का स्थानीय नेता।
- भारत ने बांग्लादेश सरकार से सुरक्षा की मांग की है।
एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश में हाल के दिनों में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने देश की कट्टर इस्लामिक राष्ट्र की छवि बना दी है। यह भारत जैसे पड़ोसी देश के लिए चिंता की विषय है।
26 जून 2025 को कुमिल्ला जिले के रामचंद्रपुर पंचकिट्टा गांव में एक हिंदू महिला का बलात्कार किया गया। उसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसे देखकर हर कोई गुस्से में है। इस मामले में मुख्य आरोपी फजर अली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का स्थानीय नेता है। उसके चार अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है।
भारत ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हाल के महीनों में बढ़ी हैं। अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद देश में सांप्रदायिक हिंसा में इजाफा हुआ है। कुमिल्ला में हुई इस घटना ने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
फजर अली और उसके साथियों ने एक हिंदू महिला के साथ बलात्कार किया। इस अपराध को रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर वायरल भी किया। इस तरह की घटनाएं अल्पसंख्यक समुदायों में भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा करती हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। बीएनपी की प्रतिक्रिया और राजनीतिक मांगें
- बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की ओर से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस घटना की निंदा कर दोषियों के खिलाफ सुनवाई की मांग की है।
- यह विडंबना ही है कि मुख्य आरोपी फजर अली खुद बीएनपी से जुड़ा है, जिसके कारण पार्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ आलोचकों का मानना है कि बीएनपी इस मामले का उपयोग अपनी राजनीतिक छवि को मजबूत करने के लिए कर सकती है।
बीएनपी ने हमेशा से अल्पसंख्यक वोटों को अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं माना है। हिंदू समुदाय के नेताओं ने यह आरोप लगाया कि पार्टी इस मुद्दे पर केवल दिखावटी कार्रवाई कर रही है। मिर्जा फखरुल की मांग से यह स्पष्ट है कि बीएनपी इस घटना को सार्वजनिक रूप से गंभीरता से ले रही है। प्रदर्शन और सामाजिक आंदोलन
- कुमिल्ला की इस घटना के बाद बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हिंदू समुदाय, महिला अधिकार समूह, और छात्र संगठनों ने ढाका सहित कई शहरों में सड़कों पर उतरकर अल्पसंख्यकों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग की है।
- 16 मई को ढाका में माणिक मिया एवेन्यू पर हजारों महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने "नारीया डाके मैत्री यात्रा" के बैनर तले एकजुटता मार्च निकाला, जिसमें महिलाओं के लिए समान अधिकार और सम्मान की मांग की गई।