डोनाल्ड ट्रंप को क्यों किया नजरअंदाज? नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने का ये है कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों के बावजूद 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता मारिया कोरिना माचाडो को मिला। समिति अध्यक्ष ने कहा कि निर्णय किसी राजनीतिक अभियान या प्रचार पर नहीं, बल्कि नोबेल की मूल भावना - साहस और निष्ठा के आधार पर लिया गया।
Publish Date: Sat, 11 Oct 2025 01:23:09 AM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Oct 2025 01:23:09 AM (IST)
Nobel Peace Prize: डोनाल्ड ट्रंप को क्यों किया नजरअंदाज?HighLights
- वेनेजुएला की मारिया कोरिना माचाडो को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- समिति अध्यक्ष ने कहा - निर्णय केवल अल्फ्रेड नोबेल की इच्छाशक्ति पर आधारित।
- पिछले वर्ष जापान के निहोन हिडांक्यो संगठन को मिला था यह पुरस्कार।
एजेंसी, नई दिल्ली। नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने कहा कि समिति राजनीतिक प्रचार या मीडिया दबाव से प्रभावित नहीं होती। उन्होंने स्पष्ट किया कि समिति हर साल हजारों सुझाव प्राप्त करती है, लेकिन निर्णय हमेशा नोबेल की मूल भावना - साहस, निष्ठा और वास्तविक शांति प्रयासों के आधार पर किया जाता है।
कौन हैं मारिया कोरिना माचाडो?
मारिया कोरिना माचाडो वेनेजुएला की एक प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने लंबे समय से देश में मानवाधिकार और स्वतंत्र चुनावों की बहाली के लिए संघर्ष किया है। समिति ने उन्हें “एक महत्वपूर्ण और एकीकृत व्यक्तित्व” बताया, जिन्होंने शांतिपूर्ण तरीकों से लोगों को लोकतंत्र की दिशा में प्रेरित किया।
पिछले साल किसे मिला था यह सम्मान?
2024 में यह पुरस्कार जापान के निहोन हिडांक्यो संगठन को मिला था - यह 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम विस्फोट के बचे लोगों का समूह है, जो दशकों से परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए अभियान चला रहा है।
ट्रंप की वैश्विक शांति स्थापित करने की कोशिशें भले ही चर्चा में रहीं, लेकिन *नोबेल समिति ने इस बार फिर राजनीतिक प्रभाव से दूर रहकर एक ऐसे व्यक्ति को चुना*, जिसने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए वास्तविक संघर्ष किया।