
डिजिटल डेस्क। इतिहास के झरोखों में कुछ ऐसे राज दफन होते हैं, जो जब बाहर आते हैं, तो सिर्फ व्यक्तियों को नहीं बल्कि व्यवस्थाओं की बुनियाद को हिलाकर रख देते हैं। कुख्यात यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन (Epstein Files Explained) से जुड़ी फाइलों की नई खेप का सार्वजनिक होना कुछ ऐसा ही है। यह केवल दस्तावेजों का पुलिंदा नहीं, बल्कि उस 'पेंडोरा बॉक्स' का खुलना है जिसने वाशिंगटन से लेकर लंदन के बकिंघम पैलेस तक एक अभूतपूर्व सुनामी ला दी है।
इन दस्तावेजों ने वैश्विक स्तर पर एक ऐसी हलचल पैदा कर दी है, जिसकी आंच दुनिया के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं, अरबपतियों और मनोरंजन जगत के दिग्गजों तक पहुंच रही है।
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जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein), जिसकी 2019 में न्यूयॉर्क की एक जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, दशकों तक दुनिया के सबसे रसूखदार लोगों का करीबी रहा। अमेरिकी न्याय विभाग पर लगातार पड़ रहे दबाव और पारदर्शिता की मांग करने वाले कांग्रेस के कड़े आदेशों के बाद इन गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया गया है।
इन फाइलों में केवल सूखे तथ्य नहीं हैं; इसमें 3 लाख से अधिक दस्तावेज, हजारों तस्वीरें, गोपनीय ईमेल, ऑडियो रिकॉर्डिंग और सालों की सघन जांच के दौरान इकट्ठा की गई वो सामग्री है जो 'पावर' के पीछे छिपे 'पाप' को उजागर करती है। यह खुलासा उस घिसलेन मैक्सवेल की सजा के बाद आया है, जो वर्तमान में सेक्स ट्रैफिकिंग के लिए 20 साल की जेल काट रही है।
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इस पूरी कहानी में एक रहस्यमयी मोड़ तब आया जब डिजिटल पोर्टल पर पब्लिश होने के मात्र 24 घंटे के भीतर 16 महत्वपूर्ण दस्तावेज न्याय विभाग के वेबपेज से अचानक गायब हो गए। इसके पीछे का कारण विभाग ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है।
दावा किया जा रहा है कि इन गायब फाइलों में एक ऐसी तस्वीर भी थी, जिसमें वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप, एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल एक साथ मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे थे। यह तस्वीर कथित तौर पर एपस्टीन की एक प्रॉपर्टी की दराज से बरामद हुई थी। विपक्ष का आरोप है कि ये दस्तावेज सत्ता के शीर्ष को बचाने के लिए हटाए गए हैं, जबकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह केवल तकनीकी संपादन का हिस्सा हो सकता है।
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एपस्टीन फाइल्स ने जिन नामों को उजागर किया है, वे किसी अंतरराष्ट्रीय समिट या ऑस्कर की रेड कार्पेट लिस्ट जैसे प्रतीत होते हैं। दस्तावेजों से साफ है कि एपस्टीन का प्रभाव किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं था।
राजनीतिक गलियारा: पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वर्तमान राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के नाम इन फाइलों में सबसे प्रमुखता से उभर कर आए हैं।
ब्रिटिश शाही परिवार: प्रिंस एंड्रयू की मौजूदगी ने ब्रिटिश राजशाही के सम्मान को एक बार फिर दांव पर लगा दिया है।
मनोरंजन जगत के सितारे: इस फेहरिस्त में ग्लोबल पॉप आइकन माइकल जैक्सन, ऑस्कर विजेता केविन स्पेसी, रोलिंग स्टोन्स के मिक जैगर और महान गायिका डायना रॉस के नाम शामिल हैं।
कॉर्पोरेट और शिक्षा जगत: वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रैनसन और कई नामी शिक्षाविदों की तस्वीरें भी इस 'ब्लैक बुक' का हिस्सा हैं।
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न्याय विभाग द्वारा जारी किए गए पहले बैच में बिल क्लिंटन का नाम सबसे अधिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सार्वजनिक किए गए हजारों दस्तावेजों में क्लिंटन की ऐसी तस्वीरें हैं जो उनके और एपस्टीन के घनिष्ठ संबंधों की गवाही देती हैं।
प्राइवेट जेट की यात्राएं: तस्वीरों में क्लिंटन को एपस्टीन के निजी विमान में देखा जा सकता है, जिसे 'लोलिता एक्सप्रेस' के नाम से भी जाना जाता था।
पूल और बाथ टब के दृश्य: कुछ बेहद चौंकाने वाली तस्वीरों में क्लिंटन को बाथ टब और स्विमिंग पूल में कुछ महिलाओं के साथ देखा गया है।
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चेहरों पर पर्दा: प्रशासन ने इन तस्वीरों में मौजूद महिलाओं के चेहरे 'ब्लैक आउट' कर दिए हैं, ताकि पीड़ितों की निजता भंग न हो।
क्लिंटन के प्रवक्ता ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति ने एपस्टीन के अपराधों के उजागर होने से बहुत पहले ही उनसे नाता तोड़ लिया था। हालांकि, व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारियों द्वारा इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करना इस मामले को एक गंभीर राजनीतिक युद्ध में बदल रहा है।
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इन दस्तावेजों को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए महीनों तक कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ी। उनकी टीम का तर्क था कि ये पुरानी बातें हैं और इनका सार्वजनिक हित से लेना-देना नहीं है। हालांकि, भारी दबाव के बाद पिछले महीने उन्हें एक कानून पर हस्ताक्षर करने पड़े, जिसने शुक्रवार को इन फाइलों के प्रकाशन का रास्ता साफ कर दिया।

डेमोक्रेटिक सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर ने इस रिलीज की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'आंशिक रिलीज' कहा है। उनका आरोप है कि यह ट्रंप के 'बुरे अतीत' को छिपाने की एक सुनियोजित कोशिश है।
दस्तावेजों का एक हिस्सा ऐसा है जिसने जांचकर्ताओं के होश उड़ा दिए हैं। इसमें सात पन्नों की एक ऐसी सूची है जिसमें 254 मालिश करने वाली महिलाओं (Masseuses) के नाम दर्ज हैं। हालांकि, जारी किए गए दस्तावेजों में इन नामों को पूरी तरह से स्याही से मिटा दिया गया है। विभाग का कहना है कि यह पीड़ितों की सुरक्षा के लिए किया गया संपादन है, लेकिन आलोचकों का मानना है कि इस लिस्ट में कई ऐसे नाम हो सकते हैं जो सीधे तौर पर इस सेक्स ट्रैफिकिंग सिंडिकेट की कार्यप्रणाली को उजागर कर सकते थे।
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डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लैंच के अनुसार, शुक्रवार को जारी 3 लाख दस्तावेज तो केवल एक 'ट्रेलर' हैं। आने वाले हफ्तों में लाखों और दस्तावेज और कई गीगाबाइट का डेटा सार्वजनिक किया जाएगा। यह डेटा केवल अमेरिकी राजनीति ही नहीं, बल्कि वैश्विक शक्तियों के समीकरण को बदलने की क्षमता रखता है।
एपस्टीन फाइल्स का यह खुलासा बताता है कि सत्ता की चमक के पीछे कितनी गहरी अंधेरी गलियां हो सकती हैं। ये दस्तावेज केवल एक मृत अपराधी की जांच नहीं हैं, बल्कि यह उस व्यवस्था की जवाबदेही तय करने का प्रयास है जिसने बरसों तक ताकतवर लोगों के शोषण को फलने-फूलने दिया। जैसे-जैसे इन 3500 से अधिक फाइलों का विश्लेषण होगा, दुनिया को शायद उन सवालों के जवाब मिल सकें जिनका इंतजार पिछले कई दशकों से किया जा रहा है।
इनपुट : न्यूज एजेंसी एपी और जागरण