आसिम मुनीर को पाक PM और राष्ट्रपति से मिली ज्यादा ताकत... परमाणु हथियार, तीनों सेनाओं का मिला कंट्रोल, संसद में बिल पास
पाकिस्तान की संसद ने 27वें संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दी, जिससे सेना प्रमुख आसिम मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बनाया जाएगा और उन्हें परमाणु हथियारों की कमान मिलेगी। इस संशोधन से सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां घटेंगी और सेना का प्रभाव और मजबूत होगा। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
Publish Date: Thu, 13 Nov 2025 12:16:09 PM (IST)
Updated Date: Thu, 13 Nov 2025 12:16:09 PM (IST)
सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की शक्तियां बढ़ीं। (फाइल फोटो)HighLights
- संसद ने 27वां संवैधानिक संशोधन पारित किया।
- आसिम मुनीर बनेंगे चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज।
- सेना को परमाणु हथियारों की कमान मिली।
एजेंसी, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को विवादास्पद 27वें संवैधानिक संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इसके पास होने के बाद सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की शक्तियां और बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट की ताकत में कमी आई है।
इस बिल को नेशनल असेंबली ने 234 मतों के बहुमत से पारित किया, जबकि केवल चार सांसदों ने इसका विरोध किया। सीनेट पहले ही इसे मंजूरी दे चुकी है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद
संविधान में हुए इस संशोधन के तहत जनरल आसिम मुनीर को तीनों सेनाओं का प्रमुख (Chief of Defence Forces - CDF) बनाया जाएगा। यह नया पद 27 नवंबर 2025 से लागू होगा। उन्हें पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कमान भी मिल जाएगी। संशोधन में यह भी प्रावधान है कि मुनीर अपने कार्यकाल के बाद भी पद पर बने रहेंगे। उन्हें आजीवन कानूनी सुरक्षा प्राप्त होगी।
अब सेना के पास परमाणु नियंत्रण
- इस संशोधन का सबसे अहम हिस्सा नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड (NSC) की स्थापना है, जो देश के परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम की निगरानी और नियंत्रण करेगी। पहले यह जिम्मेदारी नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) के पास थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते थे।
अब से NSC यह काम करेगी, लेकिन इसका कमांडर सेना प्रमुख की सिफारिश पर प्रधानमंत्री नियुक्त करेगा। इसका मतलब यह है कि देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण अब पूरी तरह सेना के हाथों में आ जाएगा। लोकतंत्र पर संकट की आशंका
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। पार्टी सांसदों ने सदन में बिल की कॉपियां फाड़कर विरोध जताया। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक इस संशोधन से सेना की शक्तियों को स्थायी संवैधानिक रूप मिल जाएगा, जिससे आगे किसी भी नागरिक सरकार के लिए इन्हें पलटना लगभग असंभव होगा।