Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की हालत गंभीर बताई जा रही है। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक मुशर्रफ के करीबी सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। फवाद चौधरी ने कहा, "मैंने अभी दुबई में जनरल मुशर्रफ के बेटे बिलाल से बात की है, जिन्होंने पुष्टि की कि वह (मुशर्रफ) वेंटिलेटर पर हैं।" फवाद चौधरी, जो इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री थे, कभी मुशर्रफ के मीडिया प्रवक्ता थे। आपको बता दें मुशर्रफ मार्च 2016 से ही दुबई में रह रहे हैं और लंबे वक्त से बीमार चल रहे हैं।
वहीं परवेज मुशर्रफ के परिवार ने थोड़ी देर पहले एक ट्वीट कर बताया कि वो पिछले तीन हफ्तों से अस्पताल में थे, लेकिन वेंटिलेटर पर नहीं है। उनके ऑर्गन ठीक के काम नहीं कर रहे हैं और रिकवरी मुश्किल हो रही है।
Message from Family:
He is not on the ventilator. Has been hospitalized for the last 3 weeks due to a complication of his ailment (Amyloidosis). Going through a difficult stage where recovery is not possible and organs are malfunctioning. Pray for ease in his daily living. pic.twitter.com/xuFIdhFOnc
— Pervez Musharraf (@P_Musharraf) June 10, 2022
इस बीच कुछ न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर परवेज मुशर्रऱ के निधन की भी खबरें आ रही हैं। इन रिपोर्टों को फर्जी करार देते हुए उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (APML) ओवरसीज के अध्यक्ष इफज़ाल सिद्दीकी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति थोड़े बीमार हैं लेकिन पूरी तरह से सतर्क हैं। "जनरल परवेज मुशर्रफ घर पर (थोड़ा) बीमार हैं, लेकिन हमेशा की तरह पूरी तरह से सतर्क हैं, कृपया फर्जी समाचार न सुनें। बस प्रार्थना करें उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए, अमीन," सिद्दीकी ने कहा।
78 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया था। इससे पहले वो आर्मी चीफ भी रहे। भारत और पाकिस्तान के बीच हुई कारगिल की जंग के लिए मुशर्रफ को ही सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है। मुशर्रफ ही वो शख्स थे जिन्होंने नवाज शरीफ का तख्तापलट किया था। इस पूर्व सैन्य तानाशाह को विशेष अदालत ने 2019 में राजद्रोह का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। वह पाकिस्तान के इतिहास में पहले सैन्य शासक हैं, जिन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। लेकिन इलके पहले ही मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई चले गये और फिर कभी वापस नहीं लौटे। उनको हमेशा ये डर था कि अगर पाकिस्तान लौटे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।