Online Gaming की दुनिया में फंसी जवानी, बर्बाद हो रहे नई पीढ़ी के करियर; जानें सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े
Online Gaming Negative Effects: वीडियो गेम्स की लत युवाओं की जिंदगी पर गहरा असर डाल रही है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले डेढ़ दशक में गेमिंग का औसत समय दोगुने से ज्यादा बढ़कर करीब 10 घंटे प्रति सप्ताह तक पहुंच गया है।
Publish Date: Sat, 04 Oct 2025 09:01:40 AM (IST)
Updated Date: Sat, 04 Oct 2025 09:07:08 AM (IST)
ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में फंसी जवानी।HighLights
- ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में फंसी जवानी।
- बर्बाद हो रहे नई पीढ़ी के करियर और सपने।
- गेमिंग को लेकर सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े।
न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। वीडियो गेम्स की लत युवाओं की जिंदगी पर गहरा असर डाल रही है। खासकर 15 से 24 साल की उम्र के लड़के और युवक अब गेमिंग पर पहले से कहीं ज्यादा समय बिता रहे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले डेढ़ दशक में गेमिंग का औसत समय दोगुने से ज्यादा बढ़कर करीब 10 घंटे प्रति सप्ताह तक पहुंच गया है।
कक्षाओं में एकाग्रता पर असर
एक बड़े सर्वेक्षण में शिक्षकों ने चिंता जताई है कि लगातार बढ़ती गेमिंग आदत ने छात्रों की कक्षाओं में एकाग्रता कम कर दी है। वहीं कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका असर युवकों के काम के घंटों और उत्पादकता पर भी पड़ा है।
गेमिंग बना युवाओं का सहारा
हालांकि, गेमिंग केवल नकारात्मक प्रभाव ही नहीं डाल रहा। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह युवाओं के लिए सामाजिक जुड़ाव का एक अहम जरिया भी बन गया है। ऑनलाइन गेम्स उन्हें दोस्तों के बीच अपनापन और जुड़ाव का एहसास कराते हैं।
गेमिंग समय में हुई बढ़ोतरी
अमेरिकन टाइम यूज सर्वे के मुताबिक, युवाओं के गेमिंग समय में हुई यह बढ़ोतरी किसी भी दूसरी गतिविधि की तुलना में सबसे ज्यादा है। यह सर्वे हर साल हजारों लोगों से यह पूछता है कि वे दिन का हर मिनट कैसे बिताते हैं।
मोबाइल गेमिंग का चलन
गेमिंग में यह उछाल तकनीकी बदलावों की वजह से भी आया है। अब गेमिंग का दायरा सिर्फ कंप्यूटर तक सीमित नहीं रहा। मोबाइल फोन पर गेम खेलना युवाओं की रोजमर्रा की सबसे आम गतिविधियों में शामिल हो गया है।