H1-B वीजा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब उच्च कुशल विदेशी कर्मचारियों को वीजा के लिए हर साल 100,000 डॉलर शुल्क देना होगा। इसके साथ ही 1 मिलियन डॉलर का “गोल्ड कार्ड” वीजा भी शुरू किया गया है। यदि ये नियम कानूनी रूप से लागू रहते हैं, तो वीजा की लागत में बड़ी बढ़ोतरी होगी।
Publish Date: Sun, 21 Sep 2025 04:54:32 PM (IST)
Updated Date: Sun, 21 Sep 2025 04:54:32 PM (IST)
H1-B VisaHighLights
- वीजा के लिए हर साल 100,000 डॉलर शुल्क देना होगा।
- 215 डॉलर से बढ़कर 100,000 डॉलर हो जाएगा।
- H-1B वीजा एक अस्थायी अमेरिकी वर्क वीजा है।
H1-B वीजा : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब उच्च कुशल विदेशी कर्मचारियों को वीजा के लिए हर साल 100,000 डॉलर शुल्क देना होगा। इसके साथ ही 1 मिलियन डॉलर का “गोल्ड कार्ड” वीजा भी शुरू किया गया है। यदि ये नियम कानूनी रूप से लागू रहते हैं, तो वीजा की लागत में बड़ी बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, कुशल श्रमिकों का शुल्क अब 215 डॉलर से बढ़कर 100,000 डॉलर हो जाएगा। वहीं, कई यूरोपीय देशों में निवेशक वीजा का शुल्क 10,000–20,000 डॉलर सालाना से बढ़कर बहुत अधिक हो जाएगा। भारतीय मुद्रा में यह लगभग 88 लाख रुपये बैठता है।
H1-B वीजा क्या है?
H-1B वीजा एक अस्थायी अमेरिकी वर्क वीजा है, जो किसी विशेष नियोक्ता और नौकरी से जुड़ा होता है। इसका उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों को प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, वित्त, स्वास्थ्य सेवा और विज्ञान जैसे विशेष क्षेत्रों में उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देना है।