जकार्ता। इंडोनेशनिया की राजधानी डूब रही है, प्रदूषित हो रही है और यहां लोगों की आबादी का बोझ बढ़ता जा रहा है। लिहाजा, राष्ट्रपति जोको विडोडो ने घोषणा की है कि वह बोर्नियो द्वीप को नई राजधानी बनाएंगे। पूर्वी कालिमानतंन प्रांत के बोर्नियो द्वीप को अपने वर्षा वनों और ऑरेंगुटेन्स (वनमानुषों) के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में गहन अध्ययन के परिणामस्वरूप द्वीप के पूर्वी हिस्से को राजधानी बनाने के लिए चुना गया है।
जोको विडोडो ने कहा कि नए राजधानी शहर का अभी तक नाम नहीं दिया गया है। यह विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र के बीच में होगा और पहले से ही इसका पूरा बुनियादी ढांचा बना हुआ है, क्योंकि यह बालिकपपान और समरिन्दा शहरों के पास है। उन्होंने कहा कि जावा द्वीप पर बसे जकार्ता में सरकार के केंद्र, वित्त, व्यापार और सेवाओं के साथ-साथ देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे और बंदरगाह होने से यहां बोझ बहुत बढ़ गया है।
विडोडो ने कहा कि राजधानी को जावा द्वीप पर कहीं और स्थानांतरित करने का फैसला नहीं किया गया है क्योंकि देश की संपत्ति और लोग वहीं पर काफी हद तक केंद्रित हैं और इसे फैलाना चाहिए। वर्तमान में देश के लगभग 27 करोड़ लोगों में से करीब 54 फीसद लोग जावा में रहते हैं, जो देश का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
जकार्ता के प्रेसिडेंशियल पैलेस में एक संवाददाता सम्मेलन में विडोडो ने कहा कि हम जनसंख्या घनत्व के संदर्भ में जकार्ता और जावा द्वीप पर और बोझ बढ़ाने की अनुमति नहीं दे सकते। इससे जावा और अन्य जगहों के बीच आर्थिक असमानता भी बढ़ेगी। पिछले महीने राष्ट्रपति ने कहा कि वह जकार्ता में देश के व्यापार और आर्थिक केंद्र से सरकार को अलग करना चाहते हैं।
जकार्ता एक एशियाई मेगा-शहर है, जिसमें करीब एक करोड़ लोग या इसके महानगरीय क्षेत्र को मिलाकर तीन करोड़ लोग रहते हैं। यहां भूकंप और बाढ़ का खतरा है और भूजल को अनियंत्रित तरीके से निकाले जाने की वजह से यह तेजी से डूब रहा है। भूजल और यहां की नदियां अत्यधिक प्रदूषित है।
वहीं, खनिज से समृद्ध पूर्वी कालिमंतन लगभग पूरी तरह से वर्षावनों से घिरा है। मगर, जंगलों की अवैध कटाई ने इसके मूल विकास को खत्म कर दिया है। यहां करीब 35 लाख लोगों रहते हैं। यह कुताई नेशनल पार्क से घिरा हुआ है, जो संतरे, ओरेंगुटेन और अन्य वनमानुषों व स्तनधारियों के लिए जाना जाता है।
विडोडो ने कहा कि करीब चार लाख 44 हजार 780 एकड़ की साइट पर राजधानी को स्थानांतरित करने में करीब एक दशक का समय लगेगा और इसमें करीब 32.5 अरब डॉलर का खर्च होगा। इसमें से 19 फीसद राशि राज्य के बजट से दी जाएगी और बाकी सरकार व व्यापार संस्थाओं के बीच सहयोग से वित्त पोषित होगी।