टोक्यो। जापान जहां एक तरफ तकनीक में सबसे आगे होने के लिए जाना जाता है वहीं अपनी कला और संस्कृति के लिए भी पहचाना जाता है। जापानी व्यंजन दुनियाभर में पसंद किए जाते हैं और इनमें से एक है सुशी। हालांकि दुनिया के अन्य देशों में इसे बनाने और खाने के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन जापानी परंपरा के अनुसार सुशी को बेहद कलात्मक रूप से नग्न महिलाओं के शरीर पर परोसा जाता है।
वैसे यह कला अब जापान में उतनी प्रचलित नहीं है लेकिन इसका जन्म यहीं हुआ था। इसमें मुख्य रूप से सुशी और सशिमि जैसी डिसेज परोसी जाती हैं। जब इसे महिला के शरीर पर परोसते हैं तो उसे नैन्तइमोरी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस कला का जन्म जापान में सामुराई योद्धाओं के काल में हुआ था।
कहानियों के अनुसार किसी भी लड़ाई में जीत के बाद गीशा (जापानी नर्तकी) के घर जश्न मनता था जहां हर तरह का मनोरंजन किया जाता था। हो सकता है जापान की यह कला काफी कामुक लगती हो लेकिन यह काफी असुरक्षित थी। गर्म खाने को परोसने से पहले महिला मॉडल्स के शरीर को ठंडे पानी से बार-बार भिगोया जाता था।
कुछ लोगों का मानना है कि यह कला जापानी जनसंख्या में संगठीत अपराधों के बीच काफी प्रचलित है। न्योतईमोरी के लिए जिस मॉडल का चयन किया जाता है वो आकर्षक होनी चाहिए साथ ही उसमें इतनी क्षमता होनी चाहिए कि जब तक खाना पूरा ना हो वो वहीं उसी तरह लेटी रहे। इसके अलावा वो किसी से बात भी नहीं कर सकती।
एक ऐसी ही न्योतईमोरी मॉडल के अनुसार यह सब करने में उसे किसी तरह की असुविधा नहीं होती। यह आम बात है कि कुछ लोग वहां की स्थिति को देखकर उत्तेजित हो जाते हैं लेकिन जब तक वो सभ्य बने रहते हैं कोई समस्या नहीं होती। कभी-कभी ही होता है जब कोई मेहमान गंदे कमेंट कर देता है। टेबल पर लेटे रहना बड़ा मेहनत का काम है। कई बार एक-दो घंटे तक लेटे रहना पड़ता है।
मैं सबसे ज्यादा 5 घंटे तक टेबल पर लेटी रही हूं। भले ही यक एक कला है लेकिन इसके बाद भी कई लोगों का मानना है कि न्योतईमोरी महिलाओं के गलत तरीके से पेश करती है। चीन ने तो नैतिक और स्वास्थ्य कारणों के चलते इसे बंद ही कर दिया है। जापान में भी न्यातईमोरी के स्थान ढूंढना थोड़ा मुश्किल काम है।