लाहौर किले में महाराजा रणजीत सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण
महाराजा की 180वीं पुण्यतिथि पर पाकिस्तान में किया गया लोकार्पण। प्रतिमा का वजन करीब 250-330 किलोग्राम है।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Fri, 28 Jun 2019 11:55:51 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Jun 2019 12:02:42 PM (IST)

इस्लामाबाद। पंजाब के शासक रहे महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि पर पाकिस्तान के ऐतिहासिक लाहौर किले में गुरुवार को उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। उन्होंने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में करीब 40 वर्षों तक पंजाब में शासन किया था।
आठ फीट ऊंची प्रतिमा को बनाने में करीब आठ महीने का समय लगा। प्रतिमा में वह अपने प्रिय घोड़े कहर बहर पर सवार हैं। यह घोड़ा उन्हें बाराजकई वंश के दोस्त मुहम्मद खान ने तोहफे में दिया था।
प्रतिमा लाहौर किले की माई जिंदान हवेली की सिख गैलरी में लगाई गई है। हवेली का नाम रणजीत सिंह की सबसे छोटी महारानी पर रखा है, जिसमें सिख कलाकृतियों की प्रदर्शनी है। यह प्रतिमा वॉल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी ने ब्रिटेन स्थित सिख हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से तैयार की है।
इस मौके पर पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सिख हेरिटेज फाउंडेशन के अध्यक्ष बॉबी सिंह बंसल ने कहा, "प्रतिमा का वजन करीब 250-330 किलोग्राम है। इसमें 85 फीसद कांसा, पांच फीसद टिन, पांच फीसद लेड और पांच फीसद जिंक का इस्तेमाल किया गया है।"
प्रतिमा को लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट एंड नक्श स्कूल ऑफ आर्ट के कलाकारों ने फकीर खाना म्यूजियम के निदेशक फकीर सैफुद्दीन की देखरेख में बनाया गया है।