अमेरिका की वीजा नीति में बड़ा बदलावः डायबिटीज, मोटापा या गंभीर बीमारी वाले लोगों को US में नहीं मिलेगी एंट्री!
मेरिका ने अपनी वीजा नीति (US Visa Policy) में अहम बदलाव किया है, जिसके बाद मोटापा, डायबिटीज़, दिल की बीमारी या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित विदेशियों का वीजा अब रद्द या अस्वीकृत किया जा सकता है।
Publish Date: Sat, 08 Nov 2025 12:23:15 PM (IST)
Updated Date: Sat, 08 Nov 2025 12:42:17 PM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।HighLights
- US Visa Policy में अहम बदलाव
- आवेदक के परिवारजनों पर भी लागू होगा प्रावधान
- स्टूडेंट वीजा सहित कई श्रेणियों के नियमों में हुए हैं बदलाव
डिजिटल डेस्कः अमेरिका ने अपनी वीजा नीति (US Visa Policy) में अहम बदलाव किया है, जिसके बाद मोटापा, डायबिटीज़, दिल की बीमारी या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित विदेशियों का वीजा अब रद्द या अस्वीकृत किया जा सकता है। नई गाइडलाइन के तहत वीजा अधिकारी अब आवेदकों और उनके परिजनों की सेहत को भी ध्यान में रखकर फैसला करेंगे।
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि देश में रहने वाले विदेशी नागरिक सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ न डालें। सीबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश विभाग ने सभी दूतावासों और कांसुलेट्स को निर्देश दिया है कि वे वीजा आवेदन की प्रक्रिया में स्वास्थ्य जोखिमों का गंभीरता से मूल्यांकन करें।
क्या बदला है नियमों में
नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के बारे में यह आशंका है कि वह अमेरिका में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं या सहायता योजनाओं पर निर्भर हो सकता है, तो उसे पब्लिक चार्ज यानी सार्वजनिक बोझ की श्रेणी में रखा जाएगा। इस स्थिति में वीजा देने से मना किया जा सकता है। यह प्रावधान सिर्फ आवेदक ही नहीं, बल्कि उसके आश्रित परिवारजनों, जैसे बच्चों या बुजुर्ग माता-पिता पर भी लागू होगा।
कौन-कौन सी बीमारियां होंगी जांच के दायरे में
नई नीति के तहत हृदय रोग, श्वसन संबंधी बीमारियां, कैंसर, मेटाबॉलिक और न्यूरोलॉजिकल विकार, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और मोटापा जैसी स्थितियां विशेष निगरानी में रहेंगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापे को गंभीर जोखिम माना गया है क्योंकि यह उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
क्यों किया गया बदलाव
विश्लेषकों के मुताबिक, यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने इमिग्रेशन नियमों को कड़ा किया है। सरकार पहले ही शरणार्थियों की एंट्री सीमित कर चुकी है और एच-1बी (H-1B), स्टूडेंट वीजा सहित कई श्रेणियों के नियमों में बदलाव कर चुकी है।
नई नीति लागू होने के बाद माना जा रहा है कि अमेरिका जाने का सपना देखने वाले कई विदेशी नागरिकों को अब स्वास्थ्य के आधार पर भी अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ सकता है।