
डिजिटल डेस्क। वैश्विक मंच पर पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा की गई त्वरित सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के घातक प्रभाव को आखिरकार पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उप प्रधानमंत्री इशाक डार के बयानों ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय सेना के ड्रोन हमलों ने रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालयों तक को हिला कर रख दिया था।
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को खुलासा किया कि मई में भारतीय जवाबी हमलों के दौरान पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में भारी खौफ था। जरदारी ने बताया, "मेरे सैन्य सचिव ने मुझसे कहा था कि युद्ध शुरू हो चुका है और मुझे तुरंत सुरक्षा के लिए बंकर में चले जाना चाहिए।" हालांकि, जरदारी ने शेखी बघारते हुए कहा कि उन्होंने बंकर में जाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उनके इस बयान ने उस समय पाकिस्तानी सत्ता के गलियारों में व्याप्त डर की पुष्टि कर दी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी साल के अंत में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय कार्रवाई की सटीकता को स्वीकार किया। डार ने पुष्टि की कि भारत ने रावलपिंडी के चकाला स्थित नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया था।
डार ने बताया, "भारत ने 36 घंटों के भीतर हमारे क्षेत्र में लगभग 80 ड्रोन भेजे थे। हालांकि हमने अधिकांश को रोकने का दावा किया, लेकिन एक ड्रोन ने सीधे हमारे सैन्य प्रतिष्ठान को भारी नुकसान पहुंचाया और वहां तैनात कई सैन्य कर्मी घायल हुए।" यह बयान भारतीय ड्रोन तकनीक और सामरिक सटीकता (Strategic Precision) की एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों और सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने न केवल आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान के मुख्य वायुसेना अड्डों को भी निशाना बनाया। सैटेलाइट तस्वीरों में इन बेस को हुए नुकसान की पुष्टि हुई है:
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) में स्थित नौ आतंकी लॉन्च पैड्स को भी भारतीय सशस्त्र बलों ने नेस्तनाबूद कर दिया था।
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यह पूरी कार्रवाई मई 2025 में पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान गई थी। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि नई दिल्ली अब आतंकी हमलों के खिलाफ 'शून्य सहनशीलता' (Zero Tolerance) की नीति पर काम कर रही है और वह सीमा पार दुश्मन के गढ़ में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
(समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)