PM Modi UNGA Speech : संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी के संबोधन की 10 अहम बातें
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वैक्सीन, लोकतंत्र, अफगानिस्तान, आतंकवाद, समुद्री सीमाएं जैसे तमाम मुद्दे उठाये।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Sat, 25 Sep 2021 07:13:36 PM (IST)
Updated Date: Sun, 26 Sep 2021 08:54:56 AM (IST)

PM Modi UNGA Speech : संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जहां एक ओर भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया, वहीं दक्षिण-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की दादागिरी और अफगानिस्तान में आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि एक संगठन के तौर पर वो निर्भीक और मुक्त संगठन की तरह लोकतंत्र की रक्षा और विश्व शांति के लिए कदम उठाये। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री बनने को लोकतंत्र की जीत बताया और कोरोना से लड़ाई में देश की कामयाबी का जिक्र किया। उन्होंने दुनिया भर की कंपनियों को भारत मे टीका बनाने के लिए निमंत्रित किया।
पीएम मोदी के संबोधन की 10 अहम बातें
- लोकतंत्र की हमारी हज़ारों वर्षों की महान परंपरा रही है। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया।
- हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश है जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है। ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है।
- ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था, वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है।
प्रतिगामी सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।
ये सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो।
हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे।
हमें ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं। हमारे समुद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा।
भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के ज़रूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है।
मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।
प्रदूषित पानी, भारत ही नहीं पूरे विश्व और खासकर गरीब और विकासशील देशों की बहुत बड़ी समस्या है। भारत में इस चुनौती से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों तक, पाइप से साफ पानी पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान चला रहे हैं।