
मॉस्को। रूस की 22 वर्षीय महिला मुक्केबाज तात्याना द्वाजहादोवा कई साल तक अपनी पहचान छिपाकर पुरुषों से मुकाबला करती रहीं। वह खुद को किसी पुरुष से कमजोर नहीं समझती हैं और इस बात को साबित करने के लिए कि उन्होंने कई सालों तक अपने महिला होने की पहचान को छिपाए रखा। वह नकली नाम 'व्लादिमीर' रखकर पुरुषों से मुक्केबाजी करती रहीं और इस दौरान उन्होंने कई पुरुषों को जबरदस्त तरीके से हराया।
'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस- नारीवाद, समाजवाद, लिंगवाद' नामक एक सम्मेलन के दौरान तात्याना ने खुद इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले तक उसने अन्य पुरुषों के खिलाफ लड़ने के लिए खुद को पुरुष मुक्केबाज के रूप में पेश किया था और साबित किया था कि वह उनके बराबर थी। तात्याना ने अपने बाल छोटे करवाए, अपने शरीर के बालों को बढ़ने दिया और वह सब कुछ किया, जिसे वह अपने महिला होने के लक्षणों को छिपाने के लिए कर सकती थी।
यहां तक कि उसने एक फर्जी आईडी भी हासिल की और व्लादिमीर एर्मोलेव के नाम से पुरुषों से लड़ाई लड़ी और उसने 17 में से 9 बॉक्सिंग मैच जीते। तात्याना ने अपनी बात साबित कर दी कि महिलाएं मुक्केबाजी में पुरुषों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं। मगर, जैसे ही उसने अपनी असली पहचान बताई, उसे पुरुषों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
बॉक्सिंग में अपने शुरुआती दिनों के बारे में याद करते हुए तात्याना ने कहा कि जब तक मेरे प्रशिक्षक ने मुझे नहीं बताया कि मैं जल्द ही एक लड़की से लड़ने जा रही हूं, तब तक सब अच्छा था। मैंने उससे कहा कि मैं एक आदमी से लड़ना चाहती हूं क्योंकि मुझे लगा कि मैं ऐसा कर सकती हूं और उन्हें हरा सकती हूं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आधिकारिक तौर पर पुरुषों से बॉक्सिंग नहीं कर सकती हैं। यही कारण है कि तब मैंने क्लब छोड़ दिया। मैं हमेशा से केवल पुरुषों के साथ लड़ना चाहती थी क्योंकि वे कहते हैं कि महिलाएं कमजोर हैं और मैं इसके उलट साबित करना चाहती थी कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।
16 वर्ष की उम्र से मुक्केबाजी कर रही तात्याना क्लब छोड़ने के बाद स्ट्रीट फाइटर बन गईं। जहां वह कथित तौर पर सिर्फ पुरुषों के खिलाफ बॉक्सिंग लड़ती थीं। आखिरकार, वह अपने पहले प्यार मुक्केबाजी में लौट आईं, लेकिन इस बार उन्हें खुद को पुरुषों के बराबर साबित करने के अवसर से वंचित नहीं होने दिया। इसलिए वह फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर तात्याना से व्लादिमीर एर्मोलेव बन गईं और वर्षों तक महिला होने की अपनी असली पहचान को छिपाने में कामयाब रहीं।
तात्याना ने कहा कि मैं अपने विरोधियों से बात नहीं करने की कोशिश करती थी, एक भी शब्द नहीं बोलती थी, ताकि मेरी पहचान उजागर नहीं हो। जिस आदमी को मैंने पीटा था, वह भी यह नहीं जानता था कि मैं एक लड़की थी। इस महिला मुक्केबाज की कहानी मूल रूप से साल 2017 में सामने आई थी। वह तभी से मुक्केबाजी रिंग के अंदर और बाहर लैंगिक भेदभाव और समान अवसर के खिलाफ लड़ने में व्यस्त हैं।
उसने महिलाओं के मुक्केबाजी मैचों का बहिष्कार किया है और अधिकारियों को नियमों में बदलाव करने के लिए कहा है और उन्हें और अन्य महिला मुक्केबाजों को पुरुषों के खिलाफ लड़ने की अनुमति दी है। हालांकि, अभी तक उन्हें इस मामले में सफलता नहीं मिली है।