ब्रिटेन। दुनिया के दिग्गज नेता ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में जी-20 सम्मेलन में 15 और 16 नवंबर को आर्थिक मामलों पर चर्चा करने के लिए जमा हो रहे हैं। यहां वे अपनी राजनीतिक बाहुबल का प्रदर्शन करेंगे। अपनी क्षमताओं, वाक कौशल से दुनिया के लोगों को प्रभावित करेंगे। मगर, क्या आप जानते हैं कि ये बड़े नेता आखिरी कितने बड़े हैं। इनकी लंबाई कितनी है और क्या इनकी लंबाई से वाकई लोगों पर कोई असर पड़ता है?
दरअसल, अमेरिका की टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर ग्रेग मुरे ने वर्ष 2011 में एक अध्ययन में पाया था कि मतदाता लंबे नेताओं को शीर्ष पदों के लिए श्रेष्ठ मानते हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि पुराने जमाने में लोग समूह में रहते थे और आपस में संघर्ष करते रहते थे, जिसका हल शारीरिक हिंसा से निकलता था। ऐसे में लोगों को लगता है कि यदि उनका नेता लंबा होगा, तो वह अच्छी तरह से काम कर सकेगा।
इस लिहाज से यदि देखा जाए तो कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर सबसे लंबे नेता हैं, जिनकी ऊंचाई 6 फीट दो इंच है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन का नंबर आता है, जिनकी लंबाई 6 फीट एक इंच है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, साउदी अरब के किंग अब्दुल्लाह, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की लंबाई 5 फीट 10 इंच है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी अबॉट की लंबाई 5 फीट 9 इंच है। गौरतलब है कि औसत चीनी व्यक्ित की लंबाई 5 फीट छह इंच और औसत जापानी व्यक्ित की लंबाई 5 फीट सात इंच होती है।
फ्रांस का राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लंबाई 5 फीट 7 इंच है। अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जूमा की लंबाई 5 फीट 6 इंच है। इन पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, छह शादियां की हैं और 20 बच्चों के पिता है। सबसे कम लंबाई जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की है। वह महज 5 फीट पांच इंच लंबी हैं।
ये हैं जी- 20 देश
यह संगठन कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके सदस्यों में दुनिया के कई प्रमुख देश हैं। इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। विश्व बैंक और आईएमएफ के प्रमुख भी इस संगठन के सदस्य हैं। जी-20 की पहली बैठक दिसंबर 1999 में बर्लिन में हुई थी।