एजेंसी, इस्लामाबाद। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हजारों लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
सोमवार, 29 सितंबर को ‘शटर डाउन और व्हील जाम’ हड़ताल का ऐलान किया गया है। यह आंदोलन अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में चल रहा है, जो लंबे समय से लंबित राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों की मांग कर रही है।
शनिवार 27 सितंबर को कोटली में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सैनिकों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
कई लोग घायल हुए। स्थानीय प्रशासन ने पुलिसकर्मियों के भी जख्मी होने की पुष्टि की। इस आक्रामक रवैये ने जनता के गुस्से को और भड़का दिया, जिससे गहराई तक बैठे असंतोष की झलक साफ दिखाई दी।
AAC के वरिष्ठ नेता शौकत नवाज मीर ने मुजफ्फराबाद में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा अभियान किसी संस्था के खिलाफ नहीं है। यह बुनियादी अधिकारों के लिए है, जो हमें 70 वर्षों से नहीं मिले। अब बहुत हो चुका। हमें या तो अधिकार दीजिए या जनता के गुस्से का सामना कीजिए। नीलम वैली पब्लिक एक्शन कमेटी, मीर के नेतृत्व में सोमवार को पूर्ण बंद का आह्वान कर चुकी है।
BIG—Massive protest in POJK
Roads blocked, shops shut, internet suspended. Additional reinforcements deployed to control protestors. Situation tense! pic.twitter.com/ArxU45xV35
— R.A.W Commentary (@R_Analysis_W) September 29, 2025
इस्लामाबाद और पाकिस्तानी सेना ने हालात काबू करने के लिए बल प्रयोग के संकेत दिए हैं। सूत्रों के अनुसार फ्लैग मार्च और अतिरिक्त तैनाती की योजना बनाई जा रही है। कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
लंबे समय से उपेक्षा और भ्रष्टाचार से परेशान लोग सरकार पर स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और स्वच्छ पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित करने का आरोप लगा रहे हैं। वकील और नागरिक संगठन आंदोलन को लोकतांत्रिक अधिकार बता रहे हैं। उनका कहना है कि दमन से समस्या हल नहीं होगी।