जानिए आखिर कैसे दूसरों से अलग था इस जीनियस का दिमाग
प्रिंसटन हॉस्पिटल के डॉ. थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन के दिमाग का परीक्षण किया था और उसे 240 विभिन्न टुकड़ों में बांटा था।
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Publish Date: Wed, 01 Jun 2016 09:47:22 AM (IST)
Updated Date: Wed, 01 Jun 2016 10:11:32 AM (IST)

लंदन। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन यूं तो 1955 में हो गया था लेकिन उनका दिमाग और दिमागी क्षमता आज भी चर्चा में है।
बहुत कम लोगों को पता है कि उनके निधन के बाद दिमाग का परीक्षण किया गया था। चीरफाड़ करने पर पता चला था कि आइंस्टीन का दिमाग सामान्य मनुष्य के दिमाग़ से भारी था। उसका वजन डेढ़ किलो का था। दूसरी अहम जानकारी यह रही कि उनके दिमाग का सिल्वियन फिशर दूसरों के दिमाग से छोटा था।
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यूं हुई थी आइंस्टीन के दिमाग की जांच
- प्रिंसटन हॉस्पिटल के डॉ. थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन के दिमाग का परीक्षण किया था और उसे 240 विभिन्न टुकड़ों में बांटा था।
- ऐसा इसलिए किया गया था ताकि उनके ब्रेन की हर एंगल से बारिक जांच की जा सके।
- आइंस्टीन की मृत्यु को लेकर रोलां बार्थ ने दिलचस्प बात कही थी कि दुनिया के सबसे ताकतवर ब्रेन ने अब काम करना बंद कर दिया।
- आइंस्टीन ने "मास एनर्जी इक्विवेलेंस" (E = mc2) (E यानी फिजिकल सिस्टम की एनर्जी, m यानी मास और c यानी वैक्यूम में स्पीड ऑफ लाइट) की जो थ्योरी दी थी, उसे बार्थ ने एक ऐसे "कोड" की संज्ञा दी, जिसकी मदद से आइंस्टीन ने सृष्टि के रहस्य को लगभग सुलझा लिया था। (यह भी पढ़ें: आपके प्रदेश में भी पड़ा है सूखा, तो माफ हो सकती है बच्चे की स्कूल फीस)