लंदन। यदि किशोर लड़का या लड़की शारीरिक संबंध बनाता है, तो इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाए। अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि फिल्मों और मीडिया में दिखाए जाने वाले कंटेंट से युवा प्रभावित होते हैं।
मगर, नए अध्ययन में कहा गया है कि युवाओं को उकसाने के लिए मीडिया जिम्मेदार नहीं है। एक नए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मूवीज, टीवी शोज और वेबसाइट्स में दिखाया जाने वाला इरोटिक कंटेंट किशोरों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित नहीं करता है।
22 अध्ययनों की समीक्षा के बाद पाया गया कि युवाओं के व्यवहार पर मीडिया जिम्मेदार बड़ा असर नहीं होता है। हालांकि, लोगों के बीच प्रचलित मत यह है कि टीवी, फिल्मों और मीडिया का युवाओं पर बड़े पैमाने पर असर पड़ता है।
Special: स्विट्जरलैंड में बुर्के पर बैन, जानिए और किन देशों में है सख्ती
शोधकर्ताओं ने दावा किया कि माता-पिता को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे अपने बच्चों से सेक्स के बारे में सीधे बात करें। उन्हें और समाज को युवा लोगों के यौन व्यवहार के बारे में आरोप मीडिया पर नहीं डालना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने कहा कि माता-पिता और नीति-निर्माता अक्सर यह चिंता जाहिर करते हैं कि सेक्सी मीडिया युवाओं के बीच यौन व्यवहार को प्रोत्साहित करती है। इस नतीजे पर फ्लोरिडा की स्टेटसन यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी के को-चेयर क्रिस्टोफर फर्गुसन ने टिप्पणी की।
तकनीकी खामी के चलते 9600 किमी दूर से वापस लौटा विमान
उन्होंने कहा ऐसे तथाकथित सेक्सी मीडिया और युवा लोगों के यौन व्यवहार के बीच एक कड़ी के बारे में दावा करना प्रीमैच्योर फैक्ट है। क्रिस्टोफर ने विलानोवा यूनिवर्सिटी के अपने साथी पैट्रिक मार्कले और कोपेनहेगन की आईटी यूनिवर्सिटी के रूने नील्सन के साथ मिलकर इस विषय पर किए गए दो दर्जन से अधिक अध्ययनों का अध्ययन किया।
ऐसी और ख़बरों के लिए डाउनलोड करें नईदुनिया ऐप https://goo.gl/Wq0mdo