
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि) राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों को देने के लिए ड्रेस और पुस्तक नहीं है। मजबूरन स्कूलों के प्राचार्यों ने बच्चों के पालकों को ड्रेस व किताब खरीदने के लिए कहा है। शासन से बजट मिलने के बाद शुल्क की राशि लौटाना का आश्वासन दिया जा रहा है। इससे छात्र-छात्राओं के पालक परेशान हैं। पालकों का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि छात्रों को पुस्तक व ड्रेेस स्कूल से ही मिलेगा। प्रबंधन ने अचानक खरीदने की बात बोलकर परेशानी बढ़ा दी है। कुछ पालकों ने प्रबंधन के दबाव पर पुस्तक और ड्रेस खरीद चुके हैं। वहीं, अचानक इसकी जानकारी देने से कई पालकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में लाल बहादुर शास्त्री, तिलक नगर और डा. भीमराव आंबेडकर स्कूल को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में परिवर्तित किया है। तीनों स्कूलों में नए भर्ती होने वाले छात्र-छात्राओं को सरकारी ड्रेस व पुस्तक नहीं मिली है। इसके चलते बच्चे सिविल ड्रेस में स्कूल जाने को मजबूर हैं। शासन ने बजट की कमी के कारण स्कूल शिक्षा विभाग को पालकों से ड्रेस व किताब खरीदवाने का आदेश दिया। इसके बाद डीईओ ने प्राचार्यों के माध्यम से पालकों ड्रेस व किताब खरीदने की बात कही है।
शासन ने तीन नए आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर बच्चों को प्रवेश तो दे दिया, लेकिन बच्चों के लिए किताब व ड्रेस के बारे में सोचा नहीं जा रहा है। बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री खरीदने की बात सुनकर पालक भी परेशान हैं। वहीं, स्कूल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फंड की कमी की वजह से लेटलतीफी हुई है। डीएमएफ फंड से छात्रों की ड्रेस और पुस्तक खरीदने के लिए फंड मांगा है। लेकिन अभी मिला नहीं है।