Bilaspur News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। समर्थन मूल्य पर समितियों में हो रही धान की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सूखत के नाम पर किसानों के जेब पर डाका डालने का काम समिति के अधिकारी व कर्मचारी कर रहे हैं। प्रति बोरा डेढ़ से दो किलोग्राम अतिरिक्त धान की तौल की जा रही है। किसानों को इस बात की जानकारी तो है पर धान जल्द बेचने की मजबूरी के कारण वे चुप रह जाते हैं। गुरुवार को मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा कृष्णमूर्ति बांधी महमंद खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान फड़ में तौल कर रखे धान के बारदानों की दोबारा तौल कराया तो प्रति बोरा डेढ़ से दो किलोग्राम धान ज्यादा मिला।
सूखत के नाम पर समितियों में प्रति तौल दो किलोग्राम धान की अतिरिक्त तौलाई की लगातार शिकायतें मिल रही है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र की समितियों में इस तरह की शिकायत मिलने पर गुस्र्वार को विधायक डा बांधी ने कृषि उपज मंडी के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी। उनके साथ मंडी निरीक्षक महमंद समिति पहुंचे। समिति में मंडी निरीक्षक की मौजूदगी में तौल कर पहले से रखे धान की दोबारा तौलाई कराई गई। अमूमन सभी बोरों में दो किलोग्राम या इससे ज्यादा अतिरिक्त धान पाया। सूखत के नाम पर समितियों में लाखाें का वारा न्यारा किया जा रहा है। महमंद समिति में अब तक तकरीबन 10 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है।
प्रति तौल दो किलोग्राम अतिरिक्त धान की तौल के हिसाब से लाखाें रुपये का वारा न्यारा कर दिया गया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद विधायक डा बांधी ने जिला विपणन संघ के अधिकारियों को महमंद समिति द्वारा खरीदी की गई धान की जांच करने व किसानों की भरपाई का निर्देश जारी किया है। निरीक्षण के दौरान विधायक डा बांधी के साथ कृषि उपज मंडी के निरीक्षक के अलावा समिति के पदाधिकारी,विधायक प्रतिनिधि बीपी सिंह, महमंद धान खरीदी केंद्र निगरानी समिति के सदस्य अशोक साहू, मनोज सिंह ठाकुर, चंद्रप्रकाश सूर्या, दीपक साहू, नारद रजक, कुलदीप रजक, माधव साहू सहित बडी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व किसानाें की उपस्थिति रही।
राज्य शासन के नियमों पर गौर करें तो एक बारदाने में 40 किलोग्र्राम धान तौला जाता है। धान के गीला होने का बहाना बनाकर प्रति तौल दो किलोग्राम अतिरिक्त धान की तौलाई की जा रही है। मसलन एक क्विंटल धान की तौल में किसानों को पांच किलोग्राम धान अतिरिक्त खप रहा है। सूखत के कारण होने वाले शार्टेज की भरपाई के लिए अतिरिक्त धान लेने की बात कही जा रही है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। धान खरीदी के दौरान खरीदी केंद्रों में सूखत के नाम पर अतिरिक्त धान की तौलाई का मामला विधानसभा में गूंजेगा। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। शार्टेज के बहाने समितियों में अतिरिक्त धान तौल के बहाने लाखों स्र्पये का खेल हो रहा है। विधानसभा में खरीदी को लेकर एक दर्जन से अधिक सवाल लगाए गए हैं।