
डिजिटल डेस्क। आठवें वेतन आयोग को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। केंद्र सरकार इसका टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) भी जारी कर चुकी है। इसी बीच केंद्र सरकार के लगभग 26 लाख कर्मचारियों ने एक बार फिर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाली की मांग जोरदार तरीके से उठाई है। कर्मचारियों का कहना है कि जब 8th Pay Commission की सिफारिशें तैयार की जाएंगी, उसी समय पुरानी पेंशन स्कीम को भी लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय सबसे जरूरी होती है।
नेशनल काउंसिल-जेसीएम (NC-JCM) ने सरकार को भेजे अपने पत्र में कहा है कि *जनवरी 2004 के बाद नियुक्त और NPS में शामिल 26 लाख कर्मचारियों के लिए OPS बहाली आवश्यक* है। संगठन ने इसे लंबे समय से लंबित और न्याय से जुड़ी मांग बताया है, क्योंकि यह कर्मचारियों की रिटायरमेंट सुरक्षा से जुड़ी है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम है क्या, जिसकी बहाली की मांग लगातार तेज होती जा रही है?
क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
OPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद आखिरी वेतन का 50% तक पेंशन मिलती है। इसमें महंगाई भत्ता हर छह महीने में बढ़ता रहता है। यह स्कीम पूरी तरह सरकार द्वारा फंड की जाती है, यानी कर्मचारी को अपनी तनख्वाह से कोई पैसा नहीं देना पड़ता। पेंशन जीवनभर मिलती है और कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को फैमिली पेंशन भी मिलती रहती है। यह पूरी तरह गारंटीड और सुरक्षित पेंशन है।
ओल्ड पेंशन स्कीम ब्रिटिश काल से लागू थी और 1 जनवरी 2004 तक जारी रही। इसके बाद नई पेंशन स्कीम (NPS) लागू होने के साथ OPS बंद कर दी गई।
क्यों बढ़ रही है OPS बहाली की मांग
कर्मचारी संगठनों के अनुसार NPS में पेंशन बाज़ार पर निर्भर हो जाती है, जिसके कारण रिटायरमेंट के बाद आय अनिश्चित रहती है। कई कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उम्मीद से काफी कम पेंशन मिलती है। इस वजह से OPS की मांग लगातार बढ़ रही है।
NC-JCM का तर्क है कि सरकारी कर्मचारी 30–35 साल सेवा देते हैं, इसलिए उन्हें जीवनभर स्थायी और सम्मानजनक पेंशन मिलना उनका अधिकार है।
संगठन ने यह भी कहा कि राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों ने OPS बहाल कर दिया है, इसलिए केंद्र को भी निर्णय लेना चाहिए।
क्या है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
NPS, 2004 में शुरू की गई नई पेंशन व्यवस्था है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से 10% कटता है और सरकार 10–14% योगदान देती है। यह पैसा शेयर बाजार, बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी में निवेश होता है। रिटायरमेंट पर 60% राशि एकमुश्त मिलती है और 40% से एन्युटी लेकर मासिक पेंशन बनती है। चूंकि पेंशन पूरी तरह बाजार पर निर्भर होती है, इसलिए यह गारंटीड नहीं होती।
OPS और 8th Pay Commission का संबंध
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जब सरकार आठवें वेतन आयोग पर काम कर रही है, तभी पेंशन सुधार भी साथ-साथ होना चाहिए। OPS बहाली से लाखों कर्मचारियों को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा मिल सकती है।
सरकार का संभावित रुख
सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार NPS में सुधार की दिशा में काम कर रही है, लेकिन OPS बहाली पर अभी कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, 8th Pay Commission की चर्चा के बीच OPS का मुद्दा फिर सबसे प्रमुख मांगों में शामिल हो गया है।