बिजनेस डेस्क: भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य के तहत दो सरकारी बैंकों को दुनिया के शीर्ष 20 बैंकों में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) संपदा के आधार पर दुनिया में 43वें स्थान पर है और कोई भी भारतीय बैंक शीर्ष 20 में नहीं है।
इस दिशा में शुक्रवार को वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव की अध्यक्षता में "मंथन 2025" की शुरुआत हुई, जिसमें सभी सरकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह मंथन दो दिनों तक चलेगा।
सूत्रों के अनुसार, भविष्य में सरकारी बैंकों की भूमिका तेजी से बदलने वाली है क्योंकि भारत की आवश्यकताएं भी बदल रही हैं। यदि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो बैंकों को ग्राहकों को वैश्विक स्तर की सेवाएं देनी होंगी।
बैठक में ग्राहकों को विकसित देशों जैसी बैंकिंग सुविधाएं देने पर गहन चर्चा हुई। बैंकों से कहा गया है कि वे उन कारणों की पहचान करें जिनसे ग्राहक असंतुष्ट रहते हैं। ग्राहकों के फीडबैक और उनकी असंतुष्टि से जुड़े डाटा का गहन अध्ययन करने की भी जरूरत बताई गई। साथ ही, अलग-अलग बैंकों में मौजूद भिन्न-भिन्न ग्राहक सेवा नियमों को एक समान करने पर भी विचार हुआ। निजी बैंकों को भी सेवाओं को और सरल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मंथन 2025 में कृषि और MSME सेक्टर के लिए फंडिंग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों को मजबूत किए बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता। इससे पहले भी दो बार ऐसे मंथन आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें बैंकिंग सेक्टर में सुधार और विकास पर चर्चा हुई थी।
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