डिजिटल डेस्क: भारत में सोने का व्यापार सदियों से बेहद अहम रहा है। देशभर में कई मशहूर सर्राफा बाजार हैं, लेकिन मुंबई का झवेरी बाजार और केरल का त्रिशूर सोने के सबसे बड़े केंद्र (Biggest Gold Market) माने जाते हैं। झवेरी बाजार जहां एशिया का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट है, वहीं त्रिशूर को गोल्ड कैपिटल ऑफ इंडिया (Gold Capital of India) कहा जाता है। आइए जानते हैं इन दोनों मार्केट्स के इतिहास, खासियत और यहां सोना खरीदने से जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तार से।
भारत में सोना न सिर्फ आभूषणों के लिए बल्कि निवेश के लिहाज से भी सबसे पसंदीदा धातु है। हर साल देश में भारी मात्रा में सोना आयात किया जाता है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि देश का सबसे बड़ा सोने का बाजार आखिर कहां है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित झवेरी बाजार को भारत ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट माना जाता है। यह बाजार करीब 160 साल पुराना है और इसे मशहूर सर्राफा कारोबारी त्रिभुवनदास झवेरी ने वर्ष 1864 में स्थापित किया था। आज यह बाजार न केवल सोने के आभूषणों बल्कि हीरों और चांदी के कारोबार के लिए भी मशहूर है।
झवेरी बाजार से पूरे देश में गोल्ड ज्वैलरी की सप्लाई होती है। यहां गहनों की क्वालिटी, डिजाइन और वैरायटी बेमिसाल मानी जाती है। हालांकि, आम लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या यहां सोना सस्ता मिलता है? दरअसल, झवेरी बाजार मुख्य रूप से **होलसेल कारोबार** के लिए प्रसिद्ध है। थोक खरीदारी पर यहां कीमतें बेहतर हो सकती हैं, लेकिन रिटेल ग्राहकों के लिए दाम बाजार दरों पर ही निर्भर करते हैं।
जहां झवेरी बाजार भारत का सबसे बड़ा सर्राफा बाजार है, वहीं केरल का त्रिशूर शहर ‘गोल्ड कैपिटल ऑफ इंडिया’ कहलाता है। यह शहर सोने की ज्वैलरी निर्माण और ट्रेडिंग का बड़ा हब है। यहां बड़ी संख्या में गोल्ड ज्वैलरी फैक्ट्रियां और कारीगर मौजूद हैं। दक्षिण भारत में सोने का व्यापार मुख्य रूप से त्रिशूर से संचालित होता है।
भारत में सोने के अन्य बड़े बाजारों में महाराष्ट्र का जलगांव, मध्य प्रदेश का रतलाम और दिल्ली का सर्राफा बाजार शामिल हैं। ये बाजार अपनी विशेष डिजाइन और पारंपरिक शिल्पकला के लिए जाने जाते हैं।
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