डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बीड़ी को अक्सर "गरीबों का धुआं" कहा जाता है, लेकिन असलियत इससे कहीं अलग है। बीड़ी उद्योग अरबों रुपये का बिज़नेस करता है और सिगरेट को टक्कर देता है। हाल ही में जीएसटी सुधारों (GST Reforms) के बाद बीड़ी की कीमतों और टैक्स को लेकर खूब चर्चा रही। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बीड़ी पर 18% जीएसटी लगेगा, जबकि सिगरेट पर 40% जीएसटी लागू होगा।
अरबों का कारोबार और करोड़ों की खपत
बीड़ी उद्योग भारत में लगभग 7.2 करोड़ उपभोक्ताओं और 49 लाख मजदूरों को रोजगार देता है। छोटे पैमाने के उत्पादकों को दी गई छूट ने टैक्स से बचने का रास्ता खोल दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1.19 ट्रिलियन बीड़ी की खपत होती है। इनमें से लगभग 31% बीड़ी टैक्स के दायरे से बाहर रहती हैं।
भारत की टॉप बीड़ी कंपनियां
पटाखा बीड़ी (Pataka Bidi): 2023 में अनुमानित कारोबार 1,400 करोड़ रुपये।
श्याम बीड़ी (Shyam Bidi): लगभग 200-205 करोड़ रुपये टर्नओवर, 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार।
मैंगलोर गणेश बीड़ी वर्क्स (Mangalore Ganesh Bidi Works): 2016 तक 586.20 करोड़ रुपये का कारोबार।
देसाई बीड़ी (Desai Bidi): FY 2024 में 6% की वृद्धि, कुल राजस्व 1,667.3 करोड़ रुपये।