
बिजनेस डेस्क। आज देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में गिने जाने वाला Adani Group कभी एक छोटे से काम से शुरू हुआ था। Gautam Adani के नेतृत्व में खड़ा यह समूह आज 13 लिस्टेड कंपनियों के साथ 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के संयुक्त मार्केट कैप पर पहुंच चुका है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पोर्ट, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर का साम्राज्य खड़ा करने वाले गौतम अदाणी ने अपने करियर की शुरुआत हीरा कारोबार से की थी।
अदाणी ग्रुप की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, गौतम अदाणी की कारोबारी यात्रा 1978 में शुरू हुई। आइए जानते हैं 1978 से 2025 तक उनके बिजनेस सफर की अहम पड़ावों वाली कहानी।
कहां से शुरू हुआ पहला कदम
साल 1978 में गौतम अदाणी गुजरात से मुंबई पहुंचे और वहां डायमंड सॉर्टर के तौर पर काम शुरू किया। कुछ वर्षों बाद, 1981 में वह अहमदाबाद लौटे और अपने भाई की प्लास्टिक यूनिट से जुड़ गए। इसके बाद 1988 में उन्होंने Adani Exports की स्थापना की, जो कृषि उत्पादों और पावर सेक्टर में सक्रिय थी। यही कंपनी आगे चलकर Adani Enterprises बनी, जिसे समूह की फ्लैगशिप कंपनी माना जाता है। 1994 में यह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई।
पोर्ट बिजनेस से बदली पहचान
1994-95 के दौरान अदाणी ग्रुप को गुजरात मैरीटाइम बोर्ड से मुंद्रा में कैप्टिव जेटी विकसित करने की अनुमति मिली। यही कदम आगे चलकर पोर्ट बिजनेस की नींव बना। मुंद्रा पोर्ट को धीरे-धीरे एक बड़े मल्टीमॉडल इकोनॉमिक गेटवे के रूप में विकसित किया गया, जो आज समूह का सबसे बड़ा बिजनेस है।
पावर और नए सेक्टर्स में एंट्री
1996 में पावर सेक्टर में कदम रखते हुए अदाणी समूह ने अपने कारोबार का दायरा और बढ़ाया। इसके बाद 1999 में नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत इंटीग्रेटेड रिसोर्स मैनेजमेंट की शुरुआत हुई। इसी साल एफएमसीजी सेक्टर में प्रवेश करते हुए सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में Adani Wilmar की नींव रखी गई।
गैस, लॉजिस्टिक्स और लिस्टिंग
साल 2001 में समूह ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में कमर्शियल ऑपरेशन शुरू किया। 2007 में Adani Ports and Special Economic Zone के शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के साथ ही एग्री लॉजिस्टिक्स कारोबार की भी शुरुआत हुई।
2011 से 2023 का विस्तार काल
इस दौर में अदाणी समूह ने कई अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण किए। 2011 में मुंद्रा पोर्ट एंड सेज का नाम बदलकर अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन किया गया। इसी अवधि में पावर सेक्टर का विस्तार हुआ और 2015 में Adani Green Energy की स्थापना हुई। 2016 में डिफेंस सेक्टर में कदम रखते हुए इजराइली कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर किया गया।
47 साल में बना कॉरपोरेट साम्राज्य
लगातार नए सेक्टरों में निवेश और विस्तार के साथ 47 साल के इस सफर में अदाणी समूह 13 लिस्टेड कंपनियों और 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मार्केट कैप के साथ भारत का एक प्रभावशाली कॉरपोरेट घराना बन चुका है।