Govt Scheme: गाय पालने के लिए सरकार दे रही है 42 लाख का लोन! आवेदन करने से पहले जान लें ये जरूरी शर्तें
सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है, जिसके तहत 36-42 लाख तक का लोन और 25-33% सब्सिडी दी जाएगी। योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगार और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। पात्रता अनुसार जमीन, नस्ल और आवेदन प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य होगा।
Publish Date: Mon, 07 Jul 2025 07:25:19 PM (IST)
Updated Date: Mon, 07 Jul 2025 07:25:19 PM (IST)
Kamdhenu Scheme 2025 बिजनेस डेस्क। अगर आप मध्यप्रदेश में रहते हैं और डेयरी व्यवसाय शुरू करने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है। मोहन सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। योजना के तहत 36 से 42 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. साथ ही 25 से 33 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाएगी।
25 दुधारू पशुओं की इकाइयों की स्थापना की जाएगी
एमपी सरकार ने डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना (Dr. Ambedkar Kamdhenu Yojana) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 25 दुधारू पशुओं की इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिसमें एक इकाई की लागत अधिकतम 42 लाख रुपये होगी, साथ ही इस पर 33% सब्सिडी भी दी जाएगी। योजना का फायदा उठाने के लिए आवेदक को मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है साथ ही डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
कैसे करें आवेदन और किसे मिलेगा लोन
- योजना का लाभ पाने के लिए आवेदकों को https://dbaky.mp.gov.in/ पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- इस योजना में चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा।
- इसके अलावा, आवेदनकर्ता मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
- साथ ही, उसके पास सरकार या मान्यता प्राप्त संस्था से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण होना जरूरी है।
- आवेदक के पास कम से कम 3.5 एकड़ कृषि भूमि होना अनिवार्य है।
- जो पशुपालक पहले से दूध सप्लाई कर रहे हैं, उन्हें इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
- साथ ही वे लाभार्थी जिनका फार्म मिल्क रूट से जुड़ा है या जुड़ने की संभावना है, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
- इस योजना के तहत जो लाभार्थी लोन लेते हैं, उन्हें कम से कम 7 वर्षों तक डेयरी यूनिट चलानी होगी या जब तक लोन पूरा न चुक जाए।
- लोन के बीच 2 साल का अंतर जरूरी होगा।
- सरकार चाहती है कि किसान इस योजना के जरिए स्थायी आमदनी का स्रोत बनाएं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।
- लोन चार चरणों में वितरित किया जाएगा।
- कैपिटल सब्सिडी और ब्याज अनुदान, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लाभार्थियों के लिए परियोजना लागत का 33% है
- अन्य सभी वर्गों के लाभार्थियों के लिए परियोजना लागत का 25% सब्सिडी होगी।
- सब्सिडी वितरण की पहली तारीख से 3 वर्ष की लॉक इन अवधि के तहत एकमुश्त दी जाएगी।
- इस पर लाभार्थी को कोई ब्याज नहीं देना होगा।
- लाभार्थी अपने लोन का भुगतान निर्धारित लोन अवधि से पहले कभी भी कर सकता है।