सेहत भी और पैसा भी... जिम बिजनेस से हर महीने हो सकती है लाखों की कमाई, जानें निवेश, लोकेशन और सही रणनीति
Business Idea: भारत में फिटनेस अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जरूरत बनती जा रही है। कोविड-19 महामारी के बाद सेहत को लेकर जागरूकता ...और पढ़ें
Publish Date: Fri, 19 Dec 2025 04:15:29 PM (IST)Updated Date: Fri, 19 Dec 2025 04:15:29 PM (IST)
जिम बिजनेस से हर महीने हो सकती है लाखों की कमाई।HighLights
- भारत में ₹37,700 करोड़ का होने जा रहा फिटनेस बाजार
- नए साल पर जिम बिजनेस शुरू करने के लिए सही समय
- जिम बिजनेस से हर महीने हो सकती है लाखों की कमाई
बिजनेस डेस्क। भारत में फिटनेस अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जरूरत बनती जा रही है। कोविड-19 महामारी के बाद सेहत को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ी है। लोगों ने समझा कि अच्छी इम्यूनिटी और फिट रहना ही मुश्किल हालात में सबसे बड़ा सहारा बन सकता है। इसी सोच ने एक्सरसाइज, जिम और वेलनेस से जुड़े बिजनेस को नई रफ्तार दी है।
तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ता शहरीकरण और काम का दबाव मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों जैसी समस्याओं को बढ़ा रहा है। इसका असर यह हुआ कि युवा ही नहीं, बल्कि मिडिल एज लोग भी अब नियमित वर्कआउट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। महिलाओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। नतीजतन, जिम और फिटनेस सेंटर खोलना आज एक आकर्षक और मुनाफे वाला बिजनेस आइडिया बनकर उभरा है।
फिटनेस इंडस्ट्री का बढ़ता आकार
आंकड़े बताते हैं कि भारत का फिटनेस बाजार तेजी से विस्तार कर रहा है। फिलहाल इसका आकार करीब 16,200 करोड़ रुपये आंका जा रहा है, जो 2030 तक बढ़कर लगभग 37,700 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस ग्रोथ में जिम और फिटनेस सेंटर की अहम भूमिका है।
खासतौर पर वैल्यू सेगमेंट के जिम ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि ये आम लोगों की पहुंच में हैं। टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी फिटनेस कल्चर तेजी से पैर पसार रहा है। इसके साथ ही कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम और पर्सनल ट्रेनिंग की बढ़ती मांग ने नए उद्यमियों के लिए मौके खोल दिए हैं। फिटनेस सेक्टर की सालाना ग्रोथ करीब 15 फीसदी मानी जा रही है, जो कई अन्य उद्योगों से कहीं ज्यादा है।
जिम शुरू करने के जरूरी कदम
- जिम बिजनेस में उतरने से पहले सही प्लानिंग बेहद जरूरी है।
- सबसे पहले ऐसी लोकेशन चुननी चाहिए, जहां रेजिडेंशियल एरिया, ऑफिस या लोगों की आवाजाही ज्यादा हो।
- इसके बाद बिजनेस मॉडल तय करना होता है चाहे इंडिपेंडेंट जिम हो, किसी बड़ी चेन की फ्रैंचाइजी या फिर बुटीक फिटनेस स्टूडियो।
- निवेश का बड़ा हिस्सा मशीनों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जाता है, जिसमें कार्डियो इक्विपमेंट, वेट ट्रेनिंग सेटअप और ग्रुप क्लासेस के लिए स्पेस शामिल है।
- साथ ही सर्टिफाइड ट्रेनर्स की नियुक्ति जरूरी होती है। महिलाओं को आकर्षित करने के लिए अलग सेक्शन या जुंबा, योगा जैसी स्पेशल क्लासेस भी फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
- मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया, लोकल प्रमोशन और रेफरल स्कीम्स का सहारा लिया जा सकता है।
कितना लगेगा पैसा और क्या हैं चुनौतियां?
- एक सामान्य अनुमान के मुताबिक जिम खोलने में शुरुआती निवेश 20 से 50 लाख रुपये तक हो सकता है।
- अच्छी मैनेजमेंट और सही स्ट्रैटेजी के साथ यह निवेश 1 से 2 साल में रिकवर भी हो सकता है। हालांकि, इस बिजनेस में चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
- बड़ी जिम चेन से मुकाबला, किराया और बिजली जैसी ऑपरेशनल कॉस्ट, मेंबर रिटेंशन और ट्रेनर्स की कमी जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं।
- इसके अलावा कुछ सीजन में मेंबर्स की संख्या घटने का असर भी पड़ता है।
- इनसे निपटने के लिए जिम को कुछ अलग पेश करना जरूरी है, जैसे ऑनलाइन-ऑफलाइन हाइब्रिड क्लासेस, न्यूट्रिशन काउंसलिंग या पर्सनलाइज्ड फिटनेस प्लान।
- क्वालिटी सर्विस और मेंबर्स से लगातार फीडबैक लेना भी बिजनेस को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
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कमाई की संभावनाएं
कमाई की बात करें तो एक सामान्य जिम से हर महीने करीब 1 से 5 लाख रुपये तक का रेवेन्यू आ सकता है, जबकि प्रीमियम जिम इससे कहीं ज्यादा, यानी 20 लाख रुपये या उससे अधिक भी कमा सकते हैं। हालांकि असली मुनाफा कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है जैसे लोकेशन, मेंबर्स की संख्या, सर्विस क्वालिटी और खर्चों का सही मैनेजमेंट।
कुल मिलाकर, भारत में बढ़ती फिटनेस जागरूकता ने जिम बिजनेस को एक मजबूत और भविष्यनिष्ठ अवसर बना दिया है। सही रणनीति और निरंतर सुधार के साथ यह बिजनेस लंबे समय तक टिकाऊ और फायदेमंद साबित हो सकता है।