होम लोन के लिए आवेदन करने के बाद कैसे पाएं बैंक से सबसे अच्छी डील, आइए जानें 3 तरीके
होम लोन लेने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर होना ज़रूरी है। 750 या अधिक क्रेडिट स्कोर होने से आपको अच्छी ब्याज़ दर पर होम लोन मिल जाता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से आपकी पॉज़िशन मजबूत होती है और आप बैंक के साथ मोलभाव कर सकते हैं, खासतौर पर अगर आप पहले से बैंक के साथ जुड़े हुए हैं।
Publish Date: Mon, 30 Jun 2025 06:06:59 PM (IST)
Updated Date: Mon, 30 Jun 2025 06:13:09 PM (IST)
होम लोन को लेकर कुछ काम की बातें।HighLights
- ज़्यादातर बैंक प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90 फीसदी तक लोन दे देते हैं।
- अब सलाह होगी कि जहां तक हो सके, अधिक से अधिक डाउन पेमेंट दें।
- इससे कम राशि का लोन लेना पड़ेगा, और ब्याज़ का बोझ कम हो जाएगा।
बिजनेस डेस्क। बैंक को चुनने से पहले ज़रूरी है कि आप लोन के विकल्पों और ब्याज़ दरों के बीच तुलना कर लें। आप थर्ड पार्टीवेबसाइट पर जाकर अलग-अलग बैंकों की ब्याज़ दर और शुल्क की तुलना कर सकते हैं। इससे आपको हर ज़रूरी जानकारी मिल जाएगी। होम लोन लेने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर होना ज़रूरी है। 750 या अधिक क्रेडिट स्कोर होने से आपको अच्छी ब्याज़ दर पर होम लोन मिल जाता है।
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- क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से आपकी पॉज़िशन मजबूत होती है और आप बैंक के साथ मोलभाव कर सकते हैं, खासतौर पर अगर आप पहले से बैंक के साथ जुड़े हुए हैं।
- लोन के लिए सही अवधि चुनना भी उतना ही मायने रखता है। जहां तक हो सके, कम अवधि के लिए लोन लें। ऐसा करने से आपको कुल ब्याज़ राशि कम चुकानी होगी।
- हालांकि लम्बी अवधि के लिए लोन लेने से हर महीने ईएमआई कम होगी, लेकिन ऐसे मामले में कुछ ब्याज़ की राशि अधिक हो जाएगी।
- अतुल मोंगा, सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन का कहना है कि ज़्यादातर बैंक प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90 फीसदी तक लोन दे देते हैं।
- आपके लिए यही सलाह होगी कि जहां तक हो सके, अधिक से अधिक डाउन पेमेंट दें।
- इससे आपको कम राशि का लोन लेना पड़ेगा, और आप पर ब्याज़ का बोझ कम हो जाएगा।
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- अतुल मोंगा, सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेट कम किए जाने के बाद घर खरीदना ज़्यादा अफॉर्डेबल हो गया है।
- हाल ही में आरबीआई द्वारा रेट कम किए जाने के बाद होम अफॉर्डेबिलिटी इंडैक्स में सुधार हुआ है, जिससे घर खरीदना ज़्यादा आसान हो गया है।
- खास तौर पर मध्यम आय वर्ग और पहली बार घर खरीदने वालों के लिए प्रॉपर्टी अफॉर्डेबल हो गई है।
- हालांकि कुछ शहरी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं या कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। लेकिन ब्याज़ दरें कम होने के कारण रेज़िडेन्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें कम हुई हैं।
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- रेपो रेट में 50-बेसिस-पॉइंट की कटौती से लोन की ईएमआई काफी कम हो सकती है, इससे लोन एलिजिबिलिटी बढ़ेगी और ब्याज़ का बोझ कम होगा।
- साथ ही टियर 2 एवं टियर 3 शहरों में उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा, जहां प्रॉपर्टी की कीमतें आकर्षक हैं और मांग मजबूत बनी हुई है।
- हालांकि कीमतों में सुधार और अफॉर्डेबिलिटी के बीच अंतर को समझना भी ज़रूरी है। प्रॉपर्टी सस्ती नहीं हो रही है, बल्कि लोन की शर्तों में सुधार के चलते इसे खरीदना ज़्यादा आसान हो गया है।
- अतुल मोंगा, सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन का कहना है कि डेवलपर्स भी कीमतों को लेकर स्थिर है, खासतौर पर मिड एवं प्रीमियम सेगमेन्ट में ऐसा ही देखा जा रहा है।
- पॉलिसी के नज़रिए से देखा जाए तो आरबीआई का उदार रुख इन्फ्लेशन के दबाव को बढ़ाए बिना आवास की मांग को बनाए रखने में मदद कर रहा है।
- स्थिर आय और अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए सरकार के प्रयासों को देखते हुए मौजूदा माहौल घर खरीदने के लिए अनुकूल है।