दीवाली दीयों से जगमगाती रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ ही यह नई शुरूआत करने और सोच-समझ कर फैसले लेने का मौका भी है। हमारे देश में बहुत से लोग इस समय अपना घर खरीदना चाहते हैं, क्योंकि अपने घर में दीवाली मनाने का अहसास अपने आप में बेहद खास होता है।
त्योहारों का सीज़न आ गया है और बहुत से युवा भारतीय घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। बैंक और बिल्डर्स भी ढेरों फेस्टिव ऑफर ला रहे हैं, इसके अलावा हाल ही में कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी कम होने की वजह से डेवलपर्स ने भी प्रॉपर्टी के दाम कम कर दिए हैं। छोटे-बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें कम होने के कारण कहा जा सकता है- कि यह दीवाली अपना घर खरीदने के लिए सही समय है।
तो आइए 5 ऐसे पहलुओं के बारे में जानें, जिन पर होम लोन लेने से पहले आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए। खासतौर पर त्योहारों के सीज़न में यह और भी ज़रूरी हो जाता हैः
आपका क्रेडिट स्कोर ही तय करता है कि आपको होम लोन मिलेगा या नहीं, और अगर लोन मिला भी तो इंटरेस्ट रेट क्या होगी। अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार बैंक उन खरीददारों को कम ब्याज़ दरों पर लोन देते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है। तो अगर आप इस दीवाली होम लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चैक कर लें, इसमें कोई गड़बड़ी है तो ठीक कर लें, या आपको कोई बकाया राशि चुकानी है, तो उसे चुका दें। क्रेडिट स्कोर में छोटा सा सुधार भी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
हालांकि अक्सर आपको प्रॉपर्टी की कीमत का 90 फीसदी तक लोन मिल जाता है, लेकिन आपको हमेशा ज़्यादा से ज़्यादा डाउन पेमेंट देना चाहिए। मान लीजिए आप रु 60 लाख कीमत का घर खरीदना चाहते हैं। अगर आप डाउन पेमेंट को 30 फीसदी बढ़ाते हैं, तो आप रु 8 लाख की बचत करेंगे, खासतौर पर अगर ब्याज़ दर तकरीबन 8.4 फीसदी हो।
ज़्यादा डाउन पेमेंट देने से आप पर लोन का बोझ कम हो जाता है, आपको कम इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है, आप बैंक के साथ ज़्यादा मोलभाव कर सकते हैं; और इन सब के बीच फेस्टिव ऑफर आपकी डील को और बेहतर बना सकते हैं।
बैंक यह उम्मीद करता है कि आपकी ईएमआई, मंथली इंकम की 40-45 फीसदी से ज़्यादा न हो। लेकिन आजकल क्रेडिट कार्ड और यूपीआई के बढ़ते चलन के कारण अक्सर हम बिना सोचे-समझे अपनी सीमा पार कर जाते हैं।
अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार इसलिए होम लोन अप्लाई करने से पहले अपना डेब्ट-टू-इंकम रेशो ज़रूर चैक कर लें। अगर आप पर कोई छोटे डेब्ट या क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया है, तो उसे चुका दें। इससे होम लोन की एलिजिबिलिटी बढ़ जाएगी।
जीएसटी 2.0 के नए सुधारों के चलते घर खरीदना ज़्यादा अफॉर्डेबल हो गया है, क्योंकि डेवलपर्स के लिए कन्स्ट्रक्शन की लागत कम हुई है। खासतौर पर अफॉर्डेबल हाउसिंग सेगमेन्ट में कीमतों में सुधार आया है। इससे घर खरीदने वालों पर लोन का बोझ कम हुआ है, इसके अलावा फेस्टिव ऑफर्स और भी सुनहरा मौका हैं, खासतौर पर पहली बार घर खरीदने वालों के लिए।
फेस्टिव डील्स कई लुभावने ऑफर लेकर आती हैं जैसे ज़ीरो प्रोसेसिंग फीस या कम इंटरेस्ट रेट, हालांकि इन ऑफर्स का फ़ायदा उन लोगों को होता है, जिनका क्रेडिट स्कोर मजबूत हो। इसलिए इन ऑफर्स या डील्स के पीछे मौजूद बारीकियों को नज़रअंदाज़ न करें।
इनके पीछे कई छिपे शुल्क होते हैं जैसे ज़रूरी बीमा, प्रीपेमेंट या फोरक्लोज़र फीस, स्टेप-अप ईएमआई- इन सब पहलुओं से बाद में आपकी ईएमआई पर असर होगा। इसलिए नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें, कुछ समझ नहीं आ रहा है तो सवाल पूछें।
निष्कर्ष
परम्पराओं के बीच सरकार की अनुकूल नीतियां और बाज़ार की अनुकूल परिस्थतियांं को देखते हुए त्योहारों का सीज़न घर खरीदने के लिए सही समय है। लेकिन फैसला लेने से पहले सोच-समझ कर विचार कर लें। ठीक से योजना बनाने के बाद ही घर खरीदने का फैसला लें, और अपने घर में त्योहार मनाएं।