देश की सबसे रईस किसान... मिलिए भारत की सबसे अमीर किसान से, 100 करोड़ की नेटवर्थ के साथ खेती में रचा इतिहास
National Farmers Day: जब भी खेती की बात होती है, तो अक्सर हमारे दिमाग में पुरुषों की तस्वीर उभरती है, लेकिन गुजरात की एक महिला ने इस धारणा को पूरी तरह ...और पढ़ें
Publish Date: Tue, 23 Dec 2025 06:28:03 PM (IST)Updated Date: Tue, 23 Dec 2025 06:28:03 PM (IST)
देश की सबसे रईस किसान।HighLights
- मिलिए भारत की सबसे अमीर किसान नितुबेन पटेल से
- 100 करोड़ की नेटवर्थ के साथ खेती में रचा इतिहास
- ऑर्गेनिक खेती और डिजिटल मार्केटिंग से बनीं मिसाल
बिजनेस डेस्क। हर साल 23 दिसंबर को भारत के 5वें प्रधानमंत्री और 'किसानों के मसीहा' चौधरी चरण सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers' Day) मनाया जाता है। जब भी खेती की बात होती है, तो अक्सर हमारे दिमाग में पुरुषों की तस्वीर उभरती है, लेकिन गुजरात की एक महिला ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। राजकोट की नितुबेन पटेल, जिन्हें आज 'भारत की सबसे अमीर किसान' के रूप में जाना जाता है, आधुनिक और जैविक खेती का एक वैश्विक चेहरा बन चुकी हैं।
नितुबेन पटेल: 100 करोड़ की नेटवर्थ का सफर
रिपोर्ट्स के अनुसार, नितुबेन पटेल की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से अधिक है। पिछले साल उन्हें प्रतिष्ठित 'Millionaire Farmer of India' (MFOI) अवार्ड्स में "भारत की सबसे अमीर किसान" के खिताब से नवाजा गया। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला किसान हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि यदि सही तकनीक और विजन का उपयोग किया जाए, तो खेती घाटे का सौदा नहीं बल्कि सबसे बड़ा बिजनेस बन सकती है।
सफलता के दो स्तंभ: 'अमृत कृषि' और 'जादुई मिट्टी'
नितुबेन की सफलता का सबसे बड़ा राज उनकी अनूठी और वैज्ञानिक खेती की तकनीक है। वह मुख्य रूप से दो पद्धतियों पर काम करती हैं:
- अमृत कृषि (Nectar Farming): यह एक पूरी तरह से स्थायी कृषि पद्धति है। इसमें रसायनों का शून्य उपयोग होता है और केवल प्राकृतिक खाद व जैव-संवर्धकों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे न केवल मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और पोषक तत्व भी उच्चतम स्तर के होते हैं।
- जादुई मिट्टी (Magical Soil): नितुबेन ने मिट्टी संवर्धन (Soil Enrichment) की एक विशेष तकनीक विकसित की है। इसे 'मैजिकल मिट्टी' कहा जाता है क्योंकि यह बंजर जमीन को भी उपजाऊ बनाने की क्षमता रखती है और कम पानी में अधिक पैदावार सुनिश्चित करती है।
खेती से लेकर डिजिटल मार्केटिंग तक का साम्राज्य
नितुबेन केवल फसलें उगाती ही नहीं हैं, बल्कि उनका एक मजबूत बिजनेस मॉडल भी है:
- विविध उत्पाद: वह फल-सब्जियों के साथ डेयरी फार्मिंग भी करती हैं।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: उनका अपना 'सजीवन फाउंडेशन' (Sajeevan Foundation) नामक डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है।
- ऑनलाइन बिक्री: वह अपने फॉर्म से तैयार शुद्ध सरसों का तेल, ए2 घी, खपली गेहूं और अन्य ऑर्गेनिक उत्पाद सीधे ग्राहकों को ऑनलाइन बेचती हैं।
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पर्यावरण और समाज के प्रति जिम्मेदारी
नितुबेन का उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं, बल्कि प्रकृति का संरक्षण भी है।
- प्लास्टिक मुक्त अभियान: उनकी संस्था प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के लिए 10,000 सूती थैलियों का वितरण करती है।
- वृक्षारोपण: वह हर साल बड़े स्तर पर पेड़ लगाने के अभियान चलाती हैं।
- किसानों को ट्रेनिंग: अब तक वह 10,000 से अधिक छोटे और जनजातीय किसानों को कीटनाशक मुक्त जैविक खेती का प्रशिक्षण दे चुकी हैं, ताकि वे भी अपनी आय बढ़ा सकें।
नितुबेन पटेल की कहानी बताती है कि 'मिट्टी से सोना' उगाना केवल एक मुहावरा नहीं है। उन्होंने आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का मेल कराकर खेती को एक सम्मानजनक और अत्यधिक लाभदायक व्यवसाय बना दिया है।