डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली| अमेरिका में ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए बुरी खबर है। विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने विदेशी ट्रक चालकों को दिए जाने वाले एच-2बी वीजा (H-2B Visa for Truck Drivers) पर तत्काल रोक लगा दी है। इसका सीधा असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जो बड़ी संख्या में ट्रक ड्राइवर के रूप में अमेरिका में काम कर रहे हैं।
क्यों लगाया गया वीजा बैन?
यह फैसला फ्लोरिडा हाईवे दुर्घटना के बाद लिया गया है। इस हादसे में एक मिनीवैन और ट्रक की टक्कर से तीन लोगों की मौत हो गई थी। ट्रक भारतीय मूल के चालक हरजिंदर सिंह चला रहे थे, जिन पर हत्या का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरजिंदर ने 2018 में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था और बाद में कैलिफोर्निया व वॉशिंगटन से कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस भी ले लिया।
रूबियो का कहना है कि
विदेशी ट्रक ड्राइवरों की बढ़ती संख्या से सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।
स्थानीय अमेरिकी चालकों की रोज़गार के अवसर कम हो रहे हैं।
भारतीय और सिख ड्राइवरों की बड़ी संख्या
अमेरिकन ट्रकिंग एसोसिएशन (ATA) के अनुसार:
अमेरिका में विदेशी मूल के ट्रक ड्राइवरों की संख्या 7.20 लाख से ज्यादा है।
इनमें से 2.5 लाख से अधिक भारतीय हैं।
लगभग 1.5 लाख सिख ट्रक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे हैं।
सिर्फ सिख समुदाय ही अमेरिका के कुल ट्रक ड्राइवरों का लगभग 18% हिस्सा हैं।
कितनी होती है कमाई?
अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की कमाई मील और घंटे के हिसाब से तय होती है।
प्रति मील औसतन 0.6 से 0.7 डॉलर मिलते हैं।
प्रति घंटे ड्राइवरों को 1,600 से 2,500 तक पेमेंट मिलता है।
एक ड्राइवर रोज़ाना 500-600 मील चलाकर महीने में 4.2 लाख से 6.7 लाख तक कमा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक
साल 2023 में अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की औसत सैलरी 40 लाख सालाना थी।
जबकि वॉलमार्ट और अमेज़न जैसी दिग्गज कंपनियां ड्राइवरों को 80 लाख से 92 लाख तक का पैकेज देती हैं।