आंख मूंद कर पैसा न लगाएं, फंडामेंटल से दूर गए बाजार में अभी और गिरने की गुंजाइश बाकी
कोरोना काल से शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। इस बीच, बाजार का रुख देखकर कई आशंकाएं भी खड़ी हुई हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में निवेश मतलब लाभ ही लाभ वाली स्थिति अब नहीं रही है।
Publish Date: Wed, 15 Jan 2025 12:22:32 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 Jan 2025 12:22:32 PM (IST)
HighLights
- अभी मिडकैप-स्मॉलकैप में जोखिम लेने का समय नहीं
- म्यूचुअल फंड जैसे सुरक्षित विकल्प अपनाना बेहतर
- जिन कंपनियों के फंडामेंटल ठीक नहीं, उनसे दूर रहें
निखिल झंवर। बीते वर्षों में देश में तेजी से इक्विटी या स्टाक मार्केट में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। देश में कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 17 करोड़ के भी पार हो गई है। 10 वर्ष पहले महज सवा दो करोड़ डीमैट खाते देश में थे।
कोविड के दौर के बाद तेजी से संख्या बढ़ी और लोगों ने लॉकडाउन-वर्कफ्राम होम के दौर में घर बैठे पैसे कमाने के लिए शेयर ट्रेडिंग का रुख किया। ऐसे में निवेश की भावना और बाजार के फंडामेंटल कहीं पीछे छूट गए।
- कई निवेशकों ने मान लिया था कि शेयर बाजार हमेशा लाभ देने वाला माध्यम ही है। तेजी के दौर में बीते साल तक तमाम निवेशकों ने मिडकैप और स्मॉलकैप के कई अनजान स्टाक्स में भी पैसा लगाया।
- बाजार का ताजा दौर अब ऐसे निवेशकों के लिए संकट वाला दिख रहा है। बाजार के गिरने के साथ कहा जा रहा है कि फंडामेंटल से दूर गया बाजार लगातार करेक्शन की ओर जाएगा। यानी अभी ओर गिरने की गुंजाइश बाकी है।
- ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे बीते वर्ष की तरह मिडकैप और स्मॉलकैप पर आंख मूंद कर पैसा न लगाएं। बल्कि यह समय है कि मिडकैप, स्मालकैप से दूरी बनाकर रखें।
म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति बनाएं
समय चौकन्ना रहने और कम जोखिम वाले माध्यमों की ओर जाने का है। ऐसे में आप म्युचुअल फंड और अन्य सुरक्षित व जोखिम मैनेज करने वाले फंड जैसे माध्यमों में निवेश की रणनीति बनाए। पुराने दौर के ऐसे स्टाक्स जिसके फंडामेंटल ठीक नहीं है उनकी बिक्री समय रहते कर दें।