अंबिकापुर। Airlines from Surguja: दरिमा हवाई अड्डे से हवाई सेवा की शुरुआत में अभी लंबा वक्त लगेगा। इस हवाई पट्टी को पहले चरण में विकसित करने की जिस योजना पर 28 करोड़ खर्च हुआ वह सफल नहीं हो पाई। यहां पहले 20 सीटर हवाई जहाज के संचालन के लिए अधोसंरचना तैयार की गई थी, लेकिन इसके लिए हवाई जहाज की उपलब्धता एवं संचालन के लिए किसी कंपनी के तैयार नहीं होने के बाद अब हवाई अड्डे को 72 सीटर हवाई जहाज के संचालन के अनुरूप विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
दरिमा एयरपोर्ट को 3-सी श्रेणी का करने के हिसाब से संसाधन विकसित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र की ओर से राज्य सरकार को 46 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है। इस राशि से रनवे की लंबाई 15 से 21 सौ मीटर करने, तीन सौ यात्रियों के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाने सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। इन कार्यों को पूरा होने में लंबा वक्त लग सकता है। इससे सरगुजा अंचल के लोगों को हवाई सेवा के लिए और इंतजार करना होगा।
वर्ष 2015-16 में अंबिकापुर के दरिमा हवाई पट्टी को हवाई सेवा के संचालन के लिए रीजनल कनेक्टिविटी सर्विस (आरसीएस) के तहत केंद्र सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास की मंजूरी दी थी। पहले चरण में करीब 28 करोड़ की राशि से दरिमा हवाई पट्टी में 20 सीटर हवाई जहाज के हिसाब से एक टर्मिनल भवन, वाच टावर, बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया। इसके अलावा हवाई पट्टी के रनवे को 12 मीटर चौड़ा एवं 15 सौ मीटर लंबा किया गया। हवाई पट्टी को विकसित करने के बाद यहां 20 सीटर क्षमता के छोटा हवाई जहाज के संचालन की भी योजना बन गई, लेकिन कई तरह की समस्या सामने आने के बाद इसका संचालन नहीं हो पाया। इसके बाद हवाई पट्टी को बड़े हवाई जहाज के आने-जाने के लिए एवं इसे 2-बी से 3-सी श्रेणी लायक विकसित करने उसके मानकों के अनुरूप योजना बनाई गई है जिस पर अभी काम होना बाकी है।
रनवे की लंबाई होगी 21 सौ मीटर-
72 सीटर एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए पहले से तैयार 15 सौ मीटर रनवे को बढ़ाकर 21 सौ मीटर किया जाएगा ताकि 72 सीटर हवाई जहाज आ-जा सके। साथ ही रनवे की मोटाई भी दोगुनी की जाएगी। इसके अलावा एयरक्राफ्ट लैंड होने के बाद उसे एक स्थान पर खड़ा करने के लिए एक और एप्रन भी बनाया जाएगा। पहले से एक एप्रन तैयार है। रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए जमीन का अधिग्रहण एक समस्या है। प्रशासन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि जिस इलाके में सरकारी जमीन है उस इलाके में जमीन का अधिग्रहण किया जाए, ताकि काम जल्दी हो पाए। अभी जो योजना बनाई गई उसके अनुसार मोतीपुर गांव की ओर रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए जमीन ली जाएगी।
चेन्नई की टीम ने किया सर्वे-
हवाई अड्डे के आसपास की भौगोलिक और तकनीकी बाधा को दूर करने के लिए चेन्नई से विशेषज्ञों की टीम ने पिछले महीने दरिमा का दौरा किया। उन्होंने करीब 25 से 30 किलोमीटर इलाके का आकाशीय सर्वे किया। इसमें टीम ने यह देखा कि आसपास के टावर, बड़े वृक्षों और पहाड़ी से कितना खतरा एयरपोर्ट से चढ़ने-उतरने में हवाई जहाज को होगा। इस सर्वे में एयरपोर्ट के पास एक पहाड़ी कुछ बाधा बनती नजर आई है। इसके लिए टीम ने कुछ योजना तैयार की है। चेन्नई से पहुंची टीम ने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासन को दे दी है। अब इनकी बाधाओं को दूर करने के लिए टीम एक बार फिर से दरिमा एयरपोर्ट आएगी।
मंत्री अमरजीत ने लिखा था उड्डयन मंत्री को पत्र-
फोटो-14 अमरजीत भगत
दरिमा एयरपोर्ट को अपग्रेड करने कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के द्वारा लिखे पत्र के बाद केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि राज्य सरकार अंबिकापुर हवाई अड्डे का विकास कर रही है। इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण जरूरी तकनीकी सहायता दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अंबिकापुर हवाई अड्डे को 3-सी श्रेणी के तहत अपग्रेड करने की योजना को मंजूरी दे दी है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने रनवे के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री भगत ने केंद्रीय मंत्री से अंबिकापुर (दरिमा) हवाई अड्डे का श्रेणी में सुधार करते हुए 3-सी श्रेणी में शामिल करने हेतु आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था। उन्होंने पत्र में रायपुर-बनारस(अंबिकापुर होते हुए) उड़ान योजना में स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया था।