नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: अंबिकापुर शहर के नजदीक लालमाटी में मंगलवार को दिनभर 25 हाथियों ने दल डेरा जमाए रखा। हाथियों को देखने और वीडियो बनाने के चक्कर में एक युवक की जान चली गई। वनकर्मियों की चेतावनी के बावजूद युवक ने हाथियों के पास जाकर फोटो लेने की कोशिश की।
मृतक की पहचान राजकुमार नाइक पिता चंदू नाइक (19) वर्ष के रूप में की गई है। वह मध्यप्रदेश के भोपाल जिले का रहने वाला था। यहां वह मजदूरी करने आया हुआ था। इस घटना से लोग सिहर उठे। पुलिस व वन विभाग की टीम लोगों को समझाइश देने के साथ ही हाथियों को सुरक्षित तरीके से दूर खदेड़ने के प्रयास में लगी रही लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं था।
मंगलवार को हाथियों का दल दिन भर लालमाटी में जमा हुआ था। वन व पुलिस विभाग की टीम निगरानी में लगी हुई थी। वन कर्मचारियों द्वारा बार-बार चेतावनी और रोकने के बावजूद कुछ व्यक्ति हाथियों को देखने एवं फोटो खींचने, वीडियो बनाने के उद्देश्य से जिधर वन कर्मचारी नहीं थे, उस ओर से हाथियों के नजदीक पहुंच गए। अचानक एक हाथी ने उन्हें दौड़ाया।
राजकुमार भाग नहीं सका और हाथियों ने उसे कुचल दिया। घटना की सूचना तत्काल पुलिस विभाग एवं मृतक के स्वजन को दी गई है। वन विभाग द्वारा शासन के निर्देशानुसार मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि 25,000 रुपये प्रदान की गई है।
बता दे कि सोमवार की शाम नगर निगम सीमा से लगे खैरबार बस्ती से होते हुए हाथी अंबिकापुर - सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर लालमाटी के ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के नजदीक पहुंच गए। यहां से हाथी पुराने रूट पर बढ़ते हुए पायल पहाड़ की ओर जाने वाले थे लेकिन ग्रामीणों की घेराबंदी ,पटाखा फोड़ने तथा शोरगुल के कारण मंगलवार शाम तक झाड़ियों के बीच जमे रहे।
जनहानि के बाद जब सख्ती बरती गई तो हाथियों को निकलने का रास्ता मिला। हाथियों का दल शाम ढलने के बाद पुराने रुट पर पायल पहाड़ की ओर बढ़े हैं लेकिन उनके फिर से वापस लौटने की संभावना है क्योंकि किसी भी गांव के नजदीक से होकर वहां के लोग हाथियों को आगे बढ़ने नहीं देना चाह रहे हैं। वन और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार निगरानी में लगे हुए हैं।
रामनगर की ओर से शहर के नजदीक खैरबार में घुसने से पहले हाथियों ने अमेराडुगु निवासी श्रीराम तिग्गा का घर क्षतिग्रस्त कर दिया। परिवार के सदस्य पहले ही घर छोड़कर भाग चुके थे। हाथियों ने घर में रखे अनाज को भी नुकसान पहुंचाया। वहां से हाथियों का दल बधियाचुआं बस्ती के किनारे से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर लालमाटी पहुंचने से पहले एक और घर को तोड़ दिया।हाथियों ने बड़े रकबे में धान और सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों की संख्या अधिक होने के कारण वे जिस भी खेत से होकर गुजरे हैं वहां की पूरी फसल तबाह हो चुकी है।
हाथियों के बड़े दल के आ जाने से प्रभावित क्षेत्र में भय का माहौल निर्मित हो गया था। लोग घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंच गए थे। सोमवार की रात हाथियों के बधियाचुआं पहुंचते ही बाल-बच्चों और बुजुर्गों के साथ लोग मुख्य सड़क पर आ गए। कई लोगों ने ओरियन्टल पब्लिक स्कूल और महामाया मंदिर के आसपास शरण ली। सारी रात लोगों ने जागकर बिताई। कुछ लोगों ने हाथियों को खदेड़ने के लिए पटाखों का इस्तेमाल किया इस कारण हाथियों का व्यवहार भी बदल गया था। अपेक्षाकृत शांत होने के बाद भी ग्रामीणों के घेराबंदी से हाथी बिदक गए थे। कई बार इन्होंने भीड़ की ओर दौड़ने की कोशिश की और चिंघाड़ भी लगाई।
सरगुजा डीएफओ अभिषेक जोगावत ने हाथियों को असुरक्षित तरीके से खदेड़ने का प्रयास नहीं करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों में हाथियों की उपस्थिति की जानकारी लगातार दी जा रही है तथा लोगों को जंगली हाथियों से दूरी बनाए रखने हेतु व्यापक जनजागरूकता और प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने आमजन से अपील की है कि जंगली हाथी या अन्य वन्यजीवों के नजदीक न जाएं, उनके साथ फोटो या वीडियो लेने का प्रयास न करें। यह न केवल खतरनाक है बल्कि जीवन के लिए भी जोखिम भरा हो सकता है।सरगुजा वनमंडल द्वारा जंगली हाथियों की गतिविधियों की नियमित निगरानी की जा रही है और स्थानीय ग्रामीणों को समय-समय पर सचेत किया जा रहा है ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
हाथियों के कारण ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल और आसपास के सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल के पास ही हाथियों का दल दिनभर जमा हुआ था। हाथियों के दल के ग्राम खैरबार, बधियाचुआ, मिरगाडांड़, मानिकप्रकाशपुर एवं कांतिप्रकाशपुर क्षेत्र में सक्रिय रूप से विचरण करने की सूचना प्राप्त होने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप राय ने प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला बधियाचुआं,प्राथमिक शाला तुरियापारा, प्राथमिक शाला मिरगाडांड़, प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला मानिकप्रकाशपुर का निरीक्षण किया।
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भ्रमण के दौरान हाथियों का दल प्राथमिक शाला मिरगाडांड़ से लगभग 200 मीटर की दूरी पर लुचकी घाट क्षेत्र में देखा गया। ऐसी स्थिति में छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि जो भी छात्र विद्यालय पहुँच चुके हैं, उन्हें सुरक्षित रूप से घर वापस भेजा जाए।विद्यालय आने-जाने के दौरान बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
जब तक क्षेत्र में हाथियों की सक्रियता बनी रहती है, तब तक विद्यालय संचालन में सावधानी बरती जाए। इस सतर्कता अभियान का उद्देश्य हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। शिक्षा विभाग इस विषय में वन विभाग व स्थानीय प्रशासन से लगातार समन्वय बनाकर स्थिति पर नजर रखे हुए है।