नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: सरगुजा जिले के मैनपाट में माझी जनजाति की बालिकाओं को लालच देकर मतांतरित करने का प्रयास किए जाने का आरोप लग रहा है। इस प्रकरण में पुलिस ने ग्राम सरभंजा की आरती माझी नामक महिला के विरुद्ध प्राथमिकी की है।
आरोप है कि आरती माझी साजिश के तहत माझी व मझवार जनजाति के लोगों को चर्च और चंगाई सभा में ले जाया करती थी। जब बड़ों ने इससे किनारा कर लिया तो वह बच्चियों को अपने साथ ले जाने लगी थी।स्वजन का दावा है कि उनकी जानकारी के बिना ही महिला द्वारा बच्चियों को ले जाया जाता था। स्वजन के बयान और धर्म रक्षा समिति के खंड संयोजक दिलबर यादव की लिखित शिकायत पर अपराधिक प्रकरण पंजीकृत किया गया है।
दरअसल रविवार को मैनपाट का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में कुछ बच्चियां एक महिला के साथ थी। कुछ युवकों ने बच्चियों से पूछताछ की थी तो पता चला था कि वे सभी माझी जनजाति की हैं। महिला के कहने पर वे उनके साथ चर्च जा रही थी। घरवालों को उन्होंने कुछ बताया भी नहीं था। इस वीडियो को मतांतरण की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा था। सोमवार को बालिकाओं के स्वजन और धर्म रक्षा समिति से जुड़े लोग सीधे कमलेश्वरपुर (मैनपाट) थाने पहुंचे और पुलिस से लिखित शिकायत की।
आरोप लगाया गया कि प्रलोभन देकर मतांतरण के लिए बच्चियों को ले जाया जा रहा था। इसी आधार पर दिलबर यादव की रिपोर्ट पर कमलेश्वरपुर पुलिस ने आरती माझी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्रय अधिनियम 1968 की धारा 5 (क) के तहत अपराध पंजीकृत किया है। पुलिस ने बच्चों के स्वजन का भी बयान दर्ज किया है। स्वजन ने बताया कि उन्हें बच्चियों को महिला द्वारा साथ ले जाने की जानकारी ही नहीं दी गई थी,
पिछले कई सप्ताह से यह क्रम चल रहा था। रविवार को बच्चियां जाती थी। उन्हें लगता था कि वे मजदूरी करने या सहेलियों के यहां जा रही होंगी इसलिए पूछताछ भी नहीं की थी। मैनपाट के बरिमा, कुदारीडीह, सरभंजा, केसरा, नर्मदापुर, कुनिया रोपाखार, सपनादर में बड़ी संख्या में माझी, मझवार जनजाति के लोग निवासरत हैं। पिछड़ी जनजाति के इन लोगों के मतांतरण के आरोप पहले भी लगते रहे हैं।
रविवार को इंटरनेट मीडिया में प्रसारित वीडियो में महिला आरती माझी ने यह स्वीकार किया था कि उसने बच्चियों के स्वजन से उन्हें चर्च ले जाने की अनुमति नहीं ली थी। जब बच्चियों को लेकर वह बरिमा स्थित चर्च जा रही थी तब गांव वालों को संदेह हो गया था। उन्हीं की सूचना पर धर्म रक्षा समिति से जुड़े लोगों ने सभी को रोक लिया था। उनसे पूछताछ की थी। इस तरह बच्चियों को ले जाने को लेकर महिला से सवाल जबाब भी किया गया था। इसी दौरान वीडियो भी तैयार किया गया था।
दिलबर यादव ने आरोप लगाया कि महिला द्वारा घूम-घूमकर धर्म विशेष का प्रचार किया जाता है। उसे पहले भी समझाया गया था कि किसी धर्म के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी न करें लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। रविवार को जिन बच्चियों को ले जाया जा रहा था, उन्हें रुपये भी दिए गए थे। ग्रामीणों ने अब प्रार्थना और चंगाई सभा में जाना बंद कर दिया तो वह बच्चों को पैसे देने का लालच देकर अपने साथ ले जाती है। भेद खुल जाने के बाद बालिकाओं के स्वजन में नाराजगी है। वे कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस से अपनी बात कह चुके हैं।
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मतांतरण के आरोपों को लेकर वीडियो बहुप्रसारित होने के बाद सीतापुर के विधायक रामकुमार टोप्पो का बयान सामने आया था। उन्होंने कहा कि समाचारों के माध्यम से उन्हें मैनपाट ब्लॉक में मतांतरण के प्रयास की जानकारी मिली है। इसकी जांच होगी और जांच में आने वाले तथ्यों के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।जांच के बाद ही वास्तविक तथ्य सामने आएगा।