नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अंबिकापुर शहर में संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों में लगभग 65 लाख का राशन घोटाला उजागर हुआ है। खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा की शिकायत पर जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति घुटरापारा के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई है।
समिति अंबिकापुर शहर में तीन उचित मूल्य राशन दुकानों का संचालन करती थी। इन दुकानों में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही थीं। समिति के अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव की देखरेख में उचित मूल्य राशन दुकानों का संचालन किया जा रहा था।
गड़बड़ी की शिकायतों की जांच कलेक्टर विलास भोसकर ने कराई तो आरोप प्रमाणित पाए गए। जांच में यह भी सामने आया कि गरीबों का राशन खुले बाजार में बेचकर आरोपितों द्वारा अवैध कमाई की जा रही थी।
एक सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 तक संचालित तीनों शासकीय उचित मूल्य दुकानों में चावल, शक्कर और चना की भारी कमी पाई गई। जांच में चावल 1631.29 क्विंटल (मूल्य 61,62,267.96 रुपये ), शक्कर 10.43 क्विंटल (49,160.62 रुपये) तथा चना 48.34 क्विंटल (2,92,692.09 रुपये) का कम पाया गया। कुल मिलाकर 64,94,120.67 के खाद्यान्न का गबन सामने आया।
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प्रकरण में समिति अध्यक्ष पवन सिंह , उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव को आरोपित बनाया गया है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत अपराध पंजीकृत किया गया है।