नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: एक इंस्टाग्राम पोस्ट, एक इमरजेंसी अलर्ट और पुलिस की त्वरित कार्रवाई, इन तीन कड़ियों ने मिलकर एक युवा की जिंदगी को वापस खींच लिया। युवक आत्महत्या करने जा रहा था, उसने इसकी जानकारी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर दी। जिसका अलर्ट मिलते ही साइवर सेल की टीम एक्शन में आई और युवक को बचा लिया गया।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को अंबिकापुर निवासी एक युवक ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने से जुड़ा पोस्ट किया था। शाम करीब 4:10 बजे राज्य साइबर सेल जोन इंदौर को मेटा (इंस्टाग्राम) से एक सुसाइड अलर्ट प्राप्त हुआ। अलर्ट में बताया गया कि एक युवक ने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि वह शाम 7 बजे लाइव आकर फांसी लगाएगा और उसने इसके पीछे जिम्मेदार लोगों का जिक्र भी किया।
सूचना मिलते ही इंदौर साइबर सेल टीम के सहायक उप निरीक्षक राम बाजपेई और आरक्षक राकेश बामनिया ने सरगुजा साइबर सेल को तुरंत अलर्ट किया। जिले में जैसे ही सूचना पहुंची, नगर पुलिस अधीक्षक अंबिकापुर रोहित शाह ने तत्काल युवक की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। पुलिस टीम ने स्थानीय पार्षद कलीम की मदद से युवक का पता लगाया और उसके घर पहुंची। वहां युवक के माता-पिता की उपस्थिति में समय रहते उसे फांसी लगाने से रोक लिया गया।
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युवक ने बताया कि उसने अपने एक मित्र को दो लाख उधार दिए थे। कई बार मांगने के बाद जब पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया, तो युवक गहरे अवसाद में चला गया और आत्मघाती कदम उठाने का फैसला कर लिया। पुलिस टीम ने युवक की काउंसलिंग की और समझाया कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं।
साथ ही, उसे धोखाधड़ी की विधिवत शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई और उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया। साइबर सेल इंदौर से उप निरीक्षक आशीष जैन, एएसआइ राम बाजपेई और आरक्षक राकेश बामनिया तथा अंबिकापुर से एएसआइ अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान, सुधीर सिंह ने अहम भूमिका निभाई।
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अंबिकापुर साइबर सेल के अनुसार मेटा ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सअप पर आने वाले आत्मघाती संदेशों के संबंध में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए इंदौर में नोडल एजेंसी बनाई है। यह इंदौर साइबर सेल के साथ मिलकर काम करती है। यहां आने वाले आत्मघाती या अपराध संबंधी संदेशों को संबंधित जिले की साइबर सेल के पास भेजा जाता है।
अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव से जूझ रहा है या आत्महत्या जैसे विचार आ रहे हैं, तो तुरंत आरोग्य सेवा विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें। यह सेवा 24 घंटे निशुल्क और पूरी तरह गोपनीय है।