
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर आखिरकार सामाजिक चेतना और अनोखे विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन को जगा ही दिया। लरंगसाय चौक से लेकर शंकर घाट तक सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों को देखकर वर्षों से सोए विभाग आखिरकार तब हरकत में आए, जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काली मंदिर के सामने गड्ढों में लोट-लोटकर विरोध प्रदर्शन किया।
छठ पर्व से पहले सड़क मरम्मत की मांग कई दिनों से उठ रही थी, मगर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। शनिवार को जब कार्यकर्ताओं ने गड्ढों में उतरकर विरोध जताया, तो उनका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस अनूठे प्रदर्शन का असर तत्काल देखने को मिला।
शनिवार देर रात करीब 9 बजे ग्रेडर, डंपर और रोलर के साथ सड़क मरम्मत का कार्य शुरू हुआ। काली मंदिर, पेट्रोल पंप और आईजी बंगला के सामने सड़क के बड़े हिस्से के गड्ढे भरे गए। टूटी सड़क पर नए सिरे से डब्ल्यूबीएम (Water Bound Macadam) का कार्य किया गया। साथ ही रोलर चलवाया गया और पानी निकासी की व्यवस्था भी की गई, ताकि बारिश में सड़क दोबारा तालाब न बन जाए।
सबसे खास बात यह रही कि सांसद चिंतामणि महाराज और महापौर मंजूषा भगत भी देर रात मरम्मत कार्य का अवलोकन करने मौके पर पहुंचे। लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे। मजदूरों ने रात 2 बजे तक काम जारी रखा।
हालांकि सड़क समतल होने के बाद भी शहरवासियों का कटाक्ष जारी है। लोगों का कहना है कि अगर गड्ढों में लोटने से सड़कें बनती हैं, तो यही उपाय जारी रहना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस आंदोलन ने साबित कर दिया कि जब जनता जागती है, तो प्रशासन को भी काम करना ही पड़ता है।
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अब जबकि सड़क समतल हो चुकी है, लोगों को राहत तो मिली है, परंतु पानी का छिड़काव नहीं होने से धूल उड़ रही है। रविवार को छठ पूजा के लिए शंकरघाट जा रहे श्रद्धालु धूल से परेशान दिखे। लोगों का कहना है कि अगर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए, तो और बड़ी राहत मिल सकती है।