
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम का आयोजन पीजी कॉलेज मैदान में किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय जुएल ओराम, राज्यमंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय दुर्गा दास उइके, राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मंत्रालय तोखन साहू मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना व परंपरागत वैद्यों की सम्मान योजना का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में जनजातीय प्रमुखों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम स्थल पर जनजातीय विकास प्रदर्शनी एवं क्राफ्ट मेला लगाया गया। इस दौरान जनजातीय विद्रोहों के नायकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार के सदस्यों का सम्मान भी किया गया। आयोजन स्थल को जनजातीय संस्कृति से सजाया गया।
अंबिकापुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस 2025 के अवसर पर पहुंची देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य 25 साल का हो गया है। छत्तीसगढ़ के रहने वाले सभी लोगों को मैं बधाई देती हूं। भगवान बिरसा मुंडा के इस कार्यक्रम में शामिल होने और उनकी प्रतिमा में माल्यार्पण करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अंबिकापुर में व्यापक स्तर पर 15 नवंबर से लेकर 20 नवंबर तक जनजाति गौरव दिवस मनाया गया है। जनजाति समाज का इस देश में बहुत बड़ा योगदान है।
अंबिकापुर से ओडिशा, झारखंड 200 किलोमीटर दूर है छत्तीसगढ़ ओडिशा सटा हुआ है छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लोगों में रोटी और बेटी का संबंध है। छत्तीसगढ़ के लोग ओडिशा में शादी करते हैं और ओडिशा वाले छत्तीसगढ़ में शादी करते हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ की दोस्ती बहुत पुरानी है। झारखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा के जनजाति समाज की विरासत बहुत गहरी है।
छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा को बनाए रखे हुए हैं। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। क्योंकि अपनी संस्कृति को जीवित रखना बहुत जरूरी है। मैं भी जनजाति समाज की बेटी हूं जनजाति परिवार में जन्म लेने पर मुझे बहुत गर्व है। जनजाति समाज की परंपरा को मैं पहले भी जीती थी और अब भी जीती हूं।
आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को प्रमोट होने की जरूरत है, क्योंकि यह बेहद खूबसूरत और सुंदर है। ऐसे कार्यक्रमों में मैं जब जाती हूं तो जनजाति परिवार के लोगों से मुलाकात करती हूं। जनजाति महिलाओं से मुलाकात करने पर मुझे अच्छा लगता है। स्थानीय स्तर पर भी जनजाति समाज की संस्कृति और उनके विकास को प्राथमिकता से ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल, जमीन के साथ आदिवासी संस्कृति को मजबूत करने के लिए काम करने की जरूरत है।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संबोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा सौभाग्य का दिन है उन्होंने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया और जनजाति गौरव समाज के इस कार्यक्रम में शामिल हुईं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के नक्सल पीड़ित लोग राष्ट्रपति से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे और उसके बाद जब वे वहां से लौटे तो बेहद खुश थे। आप बेदम ममतामयी हैं।
जनजाति समाज के लोगों ने जो संघर्ष किया है उनकी क्रांति अमर हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य को 25 साल पूरे हो गए हैं और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को हम याद करते हैं। रायपुर में जनजातीय संग्रहालय का निर्माण किया गया है और छत्तीसगढ़ में जनजाति समाज का बहुत बड़ा इतिहास रहा है। सरकार जनजाति समाज के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति समाज के लोगों का अधिकार तेंदूपत्ता से भी जुड़ा हुआ है और इसी वजह से तेंदूपत्ता का रेट बढ़ाया गया है और तेंदुआ का संग्रह को चरण पादुका दिया जा रहा है। बस्तर में नक्सलवाद की वजह से वहां विकास प्रभावित हो रहा था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद खत्म किया जा रहा है। नक्सलवाद का कमर टूट रहा है। बस्तर में भी विकास की रफ्तार पकड़ने वाली है, क्योंकि नक्सलवाद अपनी अंतिम सांस गिन रहा है। बस्तर के अलग-अलग इलाकों में बिजली पानी पहुंचाया जा रहा है। दूरसंचार के साधन स्थापित किए जा रहें हैं।