नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: दीपावली की रात अंबिकापुर केंद्रीय जेल के दो बंदी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हो गए। दोनों बंदियों को तबीयत खराब होने पर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड में रखा गया था। यह घटना भोर में लगभग तीन बजे की बताई जा रही है।
मंगलवार सुबह दो बंदियों के गायब होने का पता चला। घटना से जेल प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। दोनों की तलाश जारी है।
फरार बंदियों में रितेश सारथी निवासी ग्राम अंधला थाना लखनपुर सरगुजा तथा पवन पाटिल निवासी ग्राम जमड़ी थाना भैयाथान जिला सूरजपुर शामिल हैं। दोनों की तबीयत खराब होने पर उन्हें केंद्रीय जेल अंबिकापुर से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया था। दीपावली की रात करीब तीन बजे दोनों बंदी चुपचाप वार्ड से निकलकर फरार हो गए।
उस समय वार्ड के बाहर सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। सुबह दो बंदी गायब मिले, जिसके बाद अस्पताल और जेल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। तत्काल घटना की सूचना केंद्रीय जेल प्रशासन ने मणिपुर थाना पुलिस को दी। पुलिस ने दोनों फरार बंदियों की तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, फरार बंदी रितेश सारथी पॉक्सो एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि पवन पाटिल एनडीपीएस एक्ट का आरोपित है। उसे सूरजपुर जेल से अंबिकापुर शिफ्ट किया गया था। एक महीने के भीतर यह दूसरी घटना है जब केंद्रीय जेल अंबिकापुर के बंदी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हुए हैं।
इससे पहले चार अक्टूबर की रात बिलासपुर जिले के मल्हार निवासी मुकेश कांत जो हत्या के मामले में सजायाफ्ता बंदी था, जेल वार्ड से भाग निकला था। दो दिन बाद उसने बिलासपुर पुलिस के सामने सरेंडर किया था, लेकिन पुनः मौका पाकर फरार हो गया था।
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बंदी मुकेश कांत की पत्नी अमेरिका बाई कुरें ने जेल कर्मचारियों पर वसूली और प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया था। शिकायत के बाद जांच में दोषी पाए गए चार जेल कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की भी तैयारी है।
अब दीपावली की रात दो और बंदियों के फरार होने की घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस और जेल प्रशासन दोनों की टीम संयुक्त रूप से फरार बंदियों की तलाश में जुटी हुई हैं।