नरबलि या हत्या..? छत्तीसगढ़ के बालोद में अंधविश्वास की खौफनाक घटना से सहमे लोग
मृतक बैगा पुनीत राम की छह वर्षीय पोती डुमेश्वरी ने जो बयान दिया है वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उसने बताया कि उसके दादा को पहले नहलाया गया फिर नए काले कपड़े पहनाए गए। चंदन-बंदन लगाया गया और उन्हें चावल खिलाया गया। इसके बाद चाकू से गला रेतकर उनकी बलि दी गई।
Publish Date: Fri, 30 May 2025 10:03:12 PM (IST)
Updated Date: Fri, 30 May 2025 10:35:26 PM (IST)
नरबलि की सांकेतिक तस्वीर।HighLights
- बालोद जिले में अंधविश्वास का खौफनाक चेहरा उजागर।
- 26 मई को ग्राम सिर्राभाठा में की गई थी बैगा की हत्या।
- अब यह पूरा मामला एक नए ही मोड़ पर पहुंच गया है।
गांव सिर्राभाठा से लौटकर रवि भूतड़ा.......नईदुनिया न्यूज, बालोद। 26 मई को गुंडरदेही थाना क्षेत्र के हल्दी चौकी अंतर्गत ग्राम सिर्राभाठा में बैगा पुनीत राम ठाकुर की रहस्यमयी और दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। पहले इसे पुलिस ने बैगाओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई में की गई हत्या बताया, लेकिन अब मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने इसे नरबलि करार देने के बाद मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है।
घटना का भयावह विवरण: नहलाकर चढ़ाई बलि..?
मृतक बैगा पुनीत राम की छह वर्षीय पोती डुमेश्वरी ने जो बयान दिया है वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उसने बताया कि उसके दादा को पहले नहलाया गया फिर नए काले कपड़े पहनाए गए। चंदन-बंदन लगाया गया और उन्हें चावल खिलाया गया। इसके बाद चाकू से गला रेतकर उनकी बलि दी गई। मृतक की पत्नी कांति बाई ने भी रोते हुए इस घटना को नरबलि बताया और साफ तौर पर कहा कि यह किसी आपसी रंजिश या वर्चस्व की लड़ाई का मामला नहीं बल्कि एक सुनियोजित बलि की घटना है।
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घटना से पहले क्या हुआ..?
- मृतक की बेटी रानीबाई नेताम के अनुसार घटना के एक दिन पूर्व रविवार को तिहारू राम उनके घर आया और पुनीत राम को अपने घर आने को कहा, क्योंकि अन्य बैगा आने वाले थे।
- पुनीत राम ने मना कर दिया। अगली सुबह तिहारू राम फिर नींबू, नारियल और बंदन लेकर उनके घर आया और देवताओं को चढ़ाने के बाद घर के भीतर चावल और पानी का छिड़काव किया।
- फिर पुनीत राम को अपने साथ ले गया।
शव के पास मिले चौंकाने वाले साक्ष्य-
- ग्राम के उपसरपंच खेमराज सिन्हा ने भी नरबलि की आशंका जताई है।
- उन्होंने बताया कि घटना के दिन घटनास्थल पर जब वे पहुंचे
- तो शव के पास नींबू, त्रिशूल, ध्वजा, पूजा का सामान और चावल बिखरे पड़े थे।
- पुनीत राम का शरीर भीगा हुआ था और शरीर पर चंदन-बंदन लगा हुआ था।
- यह सभी साक्ष्य एक सुनियोजित धार्मिक अनुष्ठान और फिर बलिदान की ओर संकेत करते हैं।
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पुलिस का पक्ष: झगड़ा और हत्या
- पुलिस की प्रारंभिक जांच में बताया कि बैगा तिहारू राम ने पुनीत राम को पूजा-पाठ के नाम पर अपने घर बुलाया था।
- वहां पहले से कमरौद निवासी कमलेश निषाद, सुरडोंगर निवासी अजीत मंडावी और कांडे निवासी चतुर निषाद मौजूद थे।
- पूजा के दौरान पुनीत राम और अजीत मंडावी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा, गाली-गलौज और धक्का-मुक्की हुई।
- इसके बाद अजीत मंडावी ने चाकू से पुनीत राम की गला रेतकर हत्या कर दी।
- पुलिस के अनुसार इस वारदात में तिहारू राम, कमलेश निषाद और चतुर निषाद ने पुनीत राम को पकड़ रखा था और अजीत ने वार किया।
- वारदात के बाद साक्ष्य मिटाने तिहारू राम की पत्नी धनेश्वरी निषाद ने खून से सने चाकू को धोकर अजीत को लौटा दिया।
पूजा सामग्री जब्त, पांच आरोपी गिरफ्तार-
पुलिस ने घटनास्थल से चाकू, बरछी, सांकल, खून लगे कपड़े, नींबू, आम, नारियल, बंदन, शराब की खाली शीशी और अन्य पूजा सामग्री जब्त की है। हत्या और साक्ष्य छिपाने के आरोप में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कांग्रेस ने जताई चिंता, ज्ञापन सौंपा-
गुंडरदेही ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भोजराज साहू ने शुक्रवार को ग्राम रजौली में समाधान शिविर के दौरान इस गंभीर और हृदयविदारक घटना को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम प्रतिमा ठाकरे को सौंपा। उन्होंने मांग की है कि इस घटना में अंधविश्वास के कारण हुई नरबलि की गहन जांच हो और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।
सामाजिक संदेश: अंधविश्वास की भयावहता से सावधान रहें-
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं है, बल्कि यह समाज में गहराई तक फैले अंधविश्वास की काली परछाई को उजागर करती है। आज भी कुछ समुदायों में तथाकथित धार्मिक अनुष्ठानों के नाम पर इंसानों की नरबलि जैसी अमानवीय घटनाएं हो रही हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि अगर हम तर्क और वैज्ञानिक सोच को नहीं अपनाएंगे, तो अंधविश्वास हमें कहीं का नहीं छोड़ेगा।