नईदुनिया न्यूज, डौंडी। बालोद जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में एक अजीबोगरीब अनियमितता सामने आई है, जहां सुहाग सामग्री की खरीद एक सीमेंट और हार्डवेयर दुकान से की गई। यह राजफाश सूचना के अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त दस्तावेजों से हुआ है, जो योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। इस मामले ने महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फरवरी 2024 में डौंडी में हुए सामूहिक विवाह समारोह में 34 जोड़ों का विवाह कराया गया था। योजना के नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री की खरीद स्थानीय स्तर पर होनी चाहिए, लेकिन डौंडी परियोजना स्तरीय क्रय समिति ने इसे नजरअंदाज कर सैकड़ों किलोमीटर दूर जांजगीर-चांपा जिले की फर्म 'श्री ज्योति इंटरप्राइजेस' से सामग्री खरीदी। हैरानी की बात यह है कि यह फर्म मुख्य रूप से सीमेंट और हार्डवेयर सामग्री का कारोबार करती है, न कि सुहाग या विवाह से जुड़ी वस्तुओं का।
दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि खरीदी गई सुहाग सामग्री का बिल 'श्री ज्योति इंटरप्राइजेस' के नाम पर जारी किया गया। एक सीमेंट दुकान से सुहाग सामग्री जैसे श्रृंगार के सामान, कपड़े या अन्य विवाह संबंधी वस्तुओं की खरीद कैसे संभव है, यह अपने आप में एक बड़ा फर्जीवाड़ा लगता है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, कई बिलों में तारीख का स्पष्ट उल्लेख तक नहीं है, जिससे पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर संदेह और गहरा होता है।
इसके अलावा, एकीकृत बाल विकास परियोजना डौंडी 2 के परियोजना अधिकारी ने 19 फरवरी 2024 को इस फर्म को कोटेशन देने और चयन की अनुशंसा का पत्र भेजा था। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि खरीद प्रक्रिया पूर्व-निर्धारित थी और स्थानीय दुकानों को जानबूझकर दरकिनार किया गया। योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह के लिए आवंटित सरकारी धन का इस तरह दुरुपयोग न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि भ्रष्टाचार की स्पष्ट मिसाल भी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडेय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सामूहिक विवाह योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों की तत्काल जांच कराई जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा, "यदि किसी प्रकार की अनियमितता, लापरवाही या भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है, तो दोषियों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।" जिला प्रशासन ने भी इसकी जांच शुरू करने की बात कही है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी गड़बड़ियां योजना की मूल भावना को ही कमजोर कर रही हैं।