नईदुनिया न्यूज, राजपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान शनिवार शाम को डीजे की तेज आवाज पर डांस कर रहा 15 वर्षीय किशोर प्रवीण गुप्ता अचेत होकर गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां लगभग 20 मिनट बाद पहुंचे डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। डीजे की तेज आवाज के कारण हार्ट अटैक से मौत की संभावना जताई जा रही है। स्वजन ने किशोर के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया। बताया जा रहा है कि आठवीं का छात्र प्रवीण अन्य दोस्तों के साथ गणेश विसर्जन जुलूस में शामिल था। अचानक उसे बेचैनी हुई और वह गिर गया।
उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर ले जाया गया, लेकिन आरोप है कि वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। डॉक्टरों की गैरहाजिरी और कर्मचारियों के कथित दुर्व्यवहार से नाराज लोगों ने हंगामा भी किया। मृतक प्रवीण गुप्ता के पिता विकास गुप्ता ठेकेदार हैं। रविवार को प्रवीण का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वर्ष 2024 में गणेश पूजा के दौरान बलरामपुर जिले के चलगली में डीजे की तेज आवाज के कारण संजय जायसवाल के ब्रेन की नस फट गई थी। चक्कर आने और उल्टियां होने पर ब्रेन के सीटी स्कैन में यह पकड़ में आया था।
बिलासपुर जिले के मल्हार में इसी साल 30 मार्च को डीजे की तेज आवाज से मकान का छज्जा गिर गया था। हादसे में पांच बच्चे समेत 10 लोग घायल हो गए थे, इनमें से एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हिंदू नववर्ष की शोभायात्रा के दौरान यह हादसा हुआ था।
डीजे और लाउडस्पीकर की तेज आवाज न कानों की बीमारियां नींद में बाधा, हृदय रोग, मानसिक तनाव और बच्चों की एकाग्रता पर भी प्रतिकूल असर डालती हैं। 85 डेसिबल से ऊपर आठ घंटे तक का संपर्क भी श्रवण हानि का कारण बन सकता है। 100 डेसिबल की ध्वनि पर मात्र पंद्रह मिनट में स्थायी नुकसान संभव है और 120 डेसिबल से अधिक ध्वनि तुरंत कान को क्षति पहुंचा सकती है। कान का संबंध हृदय से होता है। डा शैलेन्द्र गुप्ताराष्ट्रीय बधिरता नियंत्रण कार्यक्रम सरगुजा।