नईदुनिया, रघुनाथनगर: बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरी अंधविश्वास के चक्कर में 45 वर्षीय मंगरु खरवार की उसके सगे भतीजे संतोष खरवार (25 वर्ष) ने हत्या कर शव को अपने ही घर के पीछे जमीन में दफना दिया। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही के बाद शव को घर के पीछे की बाड़ी से बाहर निकलवाया और जांच के बाद उसे पीएम के लिए भेज दिया है।
थाना प्रभारी दुवेंद्र ठाकुर ने बताया कि मृतक मंगरु के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं और वह अकेला जीवन बिता रहा था। आरोपित संतोष पहले भी अपने ही पिता की जान लेने की कोशिश कर चुका था। इस बार उसने अपने सगे चाचा को मौत के घाट उतार दिया। मृतक मंगरु की गर्दन और पेट पर गहरे धारदार वार किए गए थे। हत्यारे की बर्बरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपित ने पुलिस को बयान देते हुए कहा कि, यदि उसके पास और हथियार होता तो वह शव को और टुकड़ों में काट देता। गांव में इस घटना के बाद से सनसनी का माहौल है। लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह अंधविश्वास और मानसिक विकृति इंसान को दरिंदा बना देता है।
पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को हैरान कर देने वाला बयान दिया। आरोपित के अनुसार, मृतक अक्सर कहा करता था कि “मुझे यदि कोई मार देगा तो मैं 80 साल बाद अमर हो जाऊंगा और दूसरा जन्म लेकर फिर से जीवित हो उठूंगा।” इसी बात को सच मानकर आरोपित को डर सताने लगा कि आगे चलकर मंगरु उसके लिए खतरा बन जाएगा और किसी दिन उसे ही मार डालेगा। इसी अंधविश्वास और वहम के कारण उसने चाचा को मौत के घाट उतार दिया।
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