
नईदुनिया प्रतिनिधि,बकावंड। विकासखंड बकावंड के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना की बदहाली सामने आई है। रसोईया के न आने पर बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता और कई शालाओं में मीनू के अनुसार भोजन भी नहीं दिया जाता। ब्लॉक की प्राथमिक शाला भिरेंडा में बुधवार को स्कूल का चूल्हा ठंडा पड़ा रहा और बच्चे पूरे दिन भूखे रहे।
भिरेंडा स्कूल में मिड-डे मील को लेकर गंभीर लापरवाही देखने को मिली। बुधवार दोपहर 1.30 बजे तक बच्चे खाली पेट बैठे रहे। स्कूल में तीन-तीन शिक्षक मौजूद थे, लेकिन खाना नहीं बन पाया। एक शिक्षक और दो शिक्षिकाओं की उपस्थिति के बावजूद विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन नसीब नहीं हो सका।
बुधवार को खाना नहीं बनता
बच्चे सुबह 9 बजे से पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन दोपहर होने के बाद भी उन्हें भोजन नहीं मिला। इससे विद्यालय की मिड-डे मील व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को रोजाना भोजन दिया जाता है, लेकिन बुधवार को रसोईया नहीं आती, इसलिए खाना नहीं बन पाया।
स्कूल के रसोईघर में चूल्हा ठंडा मिला और दाल-चावल, राशन, बर्तन सभी बिना तैयारी के पाए गए। भोजन बनाने की प्रक्रिया शुरू भी नहीं की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएससी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
ग्रामीणों और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि तीन-तीन शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद बच्चों से मिड-डे मील का हक छीना गया है।
तलब करेंगे शिक्षकों को
चंद्रशेखर यादव, बीईओ, बकावंड ने कहा कि "स्कूल में बच्चों को भूखा रखना गंभीर मसला है। इस संबंध में शिक्षक-शिक्षिकाओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा।"