लगभग माह भर तक आसमान में छाई बदली तथा बारिश के बाद मौसम के खुलने तथा बढ़ी ठंड का असर अब फसलों में भी देखने को मिल रहा है।. मौसम के बदले मिजाज का फायदा रबी फसलों को मिलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जिले में किसानों द्वारा रबी फसल के रूप में मुख्य रूप से चना गेहूं अरहर मसूर व अन्य फसलें भी ली जाती है। किंतु एक बड़े रकबे में किसानों द्वारा इन दिनों चना तथा गेहूं की फसल ली जा रही है। अब मौसम की अनुकूलता ने एक तरह से फसल में नई जान फूंक दी है। इससे पहले लगभग एक माह तक आसमान में छाई बदली तथा असम में हुई बारिश ने किसानों की चिंता तो बढ़ा दी थी किंतु अब मौसम के खुलने तथा ठंड का फायदा अब रबी फसलों को मिलने लगा है। इसका असर भी अब फसलों में दिख भी रहा है, जिसके चलते किसान अब अच्छी फसल की उम्मीद लगा बैठे हैं जो कि स्वाभाविक भी कहा जा सकता है।
जिले में रबी फसल के रूप में किसानों द्वारा लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में चने की खेती तथा 60 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल ली जा रही है। इसके अतिरिक्त अरहर, मसूर, लाख की खेती की जा रही है। मौसम की अनुकूलता से सभी फसल अब बेहतर नजर आ रहे हैं,वहीं मौसम के खुलने का फायदा फसलों को मिलने लगा है जिसके चलते फसलों में जहां ग्रोथ देखने को मिल रहा है। इन तमाम हालात के चलते किसान अब रवी फसल को लेकर एक तरह से उत्साहित भी दिख रहे हैं।
बदली तथा बारिश से किसान हो रहे थे परेशान
पिछले माह भर से जिस तरह से आसमान में छाए की बदली और बदली के बाद जिस तरह से बारिश में अपना कहर बरपाया इसके चलते किसान खासे परेशान होने लगे थे तथा उन्हें इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं आसमान में छाई बदली यथावत बनी रही तो खामियाजा रबी फसलों में उठाना पड़ सकता है। किसानों को खासा नुकसान भी इससे हो सकता था, परंतु जिस तरह से मौसम ने करवट बदली है और लगातार जिस तरह से ठंड बढ़ती जा रही है, उसके चलते इसका सीधा फायदा और रवि फसलों को होते हुए अवश्य ही दिख रहा है।कुछ इसी तरह के आलम सब्जी के फसलों में भी देखने को मिल रहा है जिसके चलते सब्जी उत्पादक किसान भी अब फसलों में बेहतर उत्पादन व फायदा की आस लगाकर उत्साहित नजर आ रहे हैं।