
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। हाई कोर्ट ने भारतमाला परियोजना घोटाले के आरोपित राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। ये सभी अधिकारी ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपित हैं।
कोर्ट ने क्या कहा
चीफ जस्टिस रमेशचन्द्र सिन्हा की सिंगल बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। जिन आरोपितों की याचिकाएं खारिज हुई हैं, उनमें तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरन, शशिकांत कुर्रे, डीएस उइके, रोशन लाल वर्मा और दीपक देव शामिल हैं। साहू के अलावा बाकी सभी आरोपित तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी हैं। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने भूमाफिया से मिलीभगत कर कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिलवाई। जिससे सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये की हानि हुई है।
आरोपियों को निलंबित कर दिया
इस मामले के उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने सभी आरोपितों को निलंबित कर दिया है। सिंगल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिकाओं पर बहस हुई। अदालत ने कहा कि मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसकी जांच अभी जारी है। ऐसे में आरोपितों को अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सभी जमानत याचिकाओंको खारिज कर दी है।